नाहन, 03 अप्रैल : हिमाचल खासकर दक्षिण क्षेत्र के किन्नौर, शिमला, सोलन व सिरमौर से कुछ बरसों में देहरादून व हरिद्वार का सफर सुहावना होगा। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से पांवटा साहिब तक केंद्रीय मंत्रालय (Union ministry) ने फोरलेन निर्माण के लिए 1093 करोड़ की राशि मंजूर की है। इसको लेकर हाल ही में केंद्रीय भूतल व परिवहन मंत्री (Union Minister for Surface and Transport) नितिन गडकरी का टवीट् आया है।
ये फोरलेन पांवटा साहिब कस्बे को बाईपास करेगा। बवेजा पैट्रोल पंप के समीप से इसे टर्न देने का प्रस्ताव है। उत्तराखंड के बल्लूपुर तक निर्माण होगा। पांवटा साहिब से बल्लूपुर तक फोरलेन के निर्माण के लिए ही 1093 करोड़ मंजूर हुए हैं। हालांकि ये प्रोजैक्ट 2 हजार करोड़ के आसपास होगा। इसमें से लगभग 800 करोड़ की राशि जमीन अधिग्रहण (takeover) पर खर्च की जाएगी।
शिमला की तरफ से देहरादून जाने वाला ट्रैफिक नाहन आएगा। हालांकि, नाहन में हाईवे संकीर्ण है, लेकिन बाईपास के लिए टनल प्रस्तावित है। दो सड़का से फोरलेन में एंटर होगा।
हालांकि, कालाअंब से पांवटा साहिब तक फोरलेन के निर्माण को शुरू होने में वक्त लग सकता है। फिलहाल कंसलटेंसी (consultancy )के लिए टैंडर का कार्य पूरा हो चुका है। केंद्रीय मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही लगभग 50 किलोमीटर फोरलेन निर्माण की डीपीआर कंसलटेंसी (DPR consultancy) लेने वाली कंपनी तय करेगी।
प्रदेश के नेशनल हाईवे (NH) विभाग द्वारा पांवटा साहिब में 7 किलोमीटर के करीब फोरलेन का कार्य पूरा किया जा चुका है। मगर बताया जा रहा है कि एनएच 07 (NH72) फोरलेन बवेजा पैट्रोल पंप से यमुना की तरफ बाईपास होगा। यमुना नदी पर भी नए ब्रिज का निर्माण होगा। इसे फोरलेन के जरिए हरियाणा के यमुनानगर से भी जोड़े जाने का खाका तैयार हो रहा है।
गौरतलब है कि पहले एनएच 72 अंबाला-देहरादून था। बाद में इसका नाम बदलकर एनएच07 हो गया है। इसका जीरो माइल स्टोन (Mile Stone) पंजाब के फाजिल्का से है। यानि ये हाईवे पाकिस्तान की सीमा से शुरू हो रहा है। चूंकि, देहरादून से हरिद्वार की कनेक्टिविटी (connectivity) पहले ही शानदार हो चुकी है। अब केवल उत्तर भारत के हिमाचल, हरियाणा, पंजाब व जे एंड के राज्यों को देहरादून तक जोड़ा जाना है।
हिमाचल के अन्य जिलों से हरिद्वार की तरफ जाने वाले लोगों के सामने भी कई विकल्प होंगे। बिलासपुर से सोलन के अर्की की तरफ से होकर कुम्हारहट्टी से सीधे देहरादून की तरफ बढ़ा जा सकेगा।
इसके अलावा कई जिलों से चंडीगढ़ पहुंचकर लोग सीधे एनएच 07 से कनेक्ट हो सकेंगे। इसमें हरियाणा के बाद लगभग 50 किलोमीटर का सफर हिमाचल में ही होगा। गौरतलब है कि हिमाचल की राजधानी से उत्तराखंड की राजधानी की शॉर्ट दूरी वाया नाहन व पांवटा साहिब ही है।
ऐसा भी माना जा रहा है कि पांवटा साहिब के बवेजा पैट्रोल पंप से आगे के हाईवे को कुछ सालों बाद स्टेट पीडब्ल्यूडी (State PWD) को भी सौंपा जा सकता है, क्योंकि असल फोरलेन डायवर्ट (Forlane Divert) किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि फोरलेन के लिए कम से कम चौड़ाई 45 मीटर जरूरी है, लेकिन पांवटा साहिब के वाई प्वाइंट की तरफ से ये न्यूनतम मापदंड पूरा नहीं हो रहा। कुम्हारहट्टी से नाहन तक फिलहाल इंटरमीडिएट रोड (intermediate road) है, लेकिन इसे भी नेशनल हाईवे का दर्जा मिल चुका है। कंसलटेंस के टैंडर मंजूरी को भेजे गए हैं।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में नेशनल हाईवे के अधिशाषी अभियंता अनिल शर्मा ने कहा कि देहरादून से पांवटा साहिब कस्बे तक फोरलेन के कार्य के लिए लगभग 1093 करोड़ की मंजूरी की जानकार मिली है। केंद्रीय मंत्री के टवीट् के जरिए ही पता चला था।
उन्होंने बताया कि कालाअंब से पांवटा फोरलेन के कार्य को भी प्राथमिकता दी जा रही है। कंसलटेंसी के टैंडर हो चुके हैं। मंजूरी मिलते ही डीपीआर का कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने संभावना जताई कि इसी फोरलेन को यमुनानगर से भी कनेक्ट किया जा सकता है।