नाहन, 31 मार्च : शहर में लंबे अरसे से कोचिंग (Coaching) के क्षेत्र में अलग पहचान बना चुके बेसिक इंस्टीट्यूट (Basic Institute) ने दाखिला लेने वालों के लिए एक दिलचस्प ऑफर (Intersting Offer) पेश किया है। ये ऑफर पुलिस भर्ती (Police Recruitment) की लिखित परीक्षा (Written Examination) में 50 प्रतिशत या अधिक अंक वालों के लिए रखा गया है।
इस ऑफर में भविष्य की प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं (competitive examinations) की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को फीस में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। चूंकि इंस्टीट्यूट (Institute) की मासिक फीस 1500 रुपए है, यानी छूट लेने वालों को एक महीने के लिए मात्र 750 रुपए चुकाने होंगे। इस तरीके से एक दिन की कोचिंग का खर्च मात्र 25 रुपए होगा।
बता दें कि सिरमौर में पुलिस की लिखित परीक्षा देने वाले छात्रों की प्रतिशतता 98.5 रही थी। मात्र 90 के आसपास उम्मीदवार अनुपस्थित रहे थे। ये भी तय है कि चुनिंदा छात्र ही लिखित परीक्षा में सफल घोषित होंगे। लिहाजा, बाकी छात्रों को भविष्य की प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की तैयारी में जुटना होगा।
हालांकि, बेसिक इंस्टीट्यूट ने सामान्य छात्रों के लिए भी 20 प्रतिशत फीस में छूट का ऐलान किया है, लेकिन फोकस पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा पर रखा गया है। प्रबंधन का दावा है कि अब तक इंस्टीट्यूट में कोचिंग लेने वाले लगभग 700 छात्रों का चयन अलग-अलग स्थानों पर हुआ है, जबकि 3 हजार के करीब छात्रों ने अलग-अलग प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की छंटनी परीक्षा को क्वालीफाई (Qualify) किया है।
खास बात ये है कि संस्थान के फाउंडर व फैकल्टी (Founder and Faculty) नितिन गर्ग भी उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। शिक्षण के क्षेत्र में तजुर्बा (experience) भी रखते हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में नितिन गर्ग का कहना था कि पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वालों के लिए छूट का ऐलान किया गया है।
उनका कहना था कि पहले ही छात्रों पर पुलिस की लिखित परीक्षा की तैयारी का आर्थिक बोझ (economic burden) पड़ चुका है। इसी को लेकर छूट (Discount) का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोचिंग के जल्द ही शुरू होने वाले बैच के बारे में अभ्यार्थी मोबाइल नंबर 97363-05765 या 70180-50901 पर संपर्क कर सकते हैं।
दीगर है कि 2010 तक शहर में कोचिंग को लेकर संस्थान मौजूद नहीं थे। छात्रों को भारी भरकम फीस अदा कर बाहरी शहरों का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब शहर में ही सुविधाएं मिल रही हैं।