नाहन/प्रकाश शर्मा : देश के पहाड़ी इलाको में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय भूतल व परिवहन मंत्रालय ने एक पहल की है। प्रयोग के तौर पर हिमाचल के सिरमौर जिला के नाहन में रोलिंग बैरियर गार्डरेल सिस्टम (Rolling Barrier Guardrail System) को इंस्टॉल किया है। हालांकि ये सिस्टम कुछ सप्ताह पहले स्थापित कर दिया, लेकिन मंगलवार के देश के भूतल व परिवहन मंत्री ( Nitin Gadkar) के ट्वीट के बाद ये प्रोजेक्ट राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है।
गडकरी ने लिखा कि नाहन से सोलन को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 907 ए पर ये पायल प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस तकनीक के जरिये पहाड़ी इलाकों में हादसों पर रोकथाम लगेगी।
केंद्र सरकार ने देश के पहले रोलिंग क्रैश बैरियर का ट्रायल नाहन में किया है। इस पर 3 करोड़ 67 लाख रूपये खर्च किये गए है। पहले चरण में NH 503 पर 300 मीटर, जबकि NH 907A पर 206 मीटर हाईवे पर रोलर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं। NH 503 पर ऊना जनपद में रोलिंग बैरियर गार्ड रेल सिस्टम लगाया जाना है। फ़िलहाल नाहन में कार्य पूरा हो गया है।
सिस्टम को इंस्टॉल (Install) करने के लिए इंजीनियर्स को साउथ कोरिया (South Korea) से आना था लेकिन मुमकिन नहीं हो पा रहा था लिहाजा ऑनलाइन ही साउथ कोरिया से मागदर्शन दिया गया और 10 मार्च के आसपास स्थानीय इंजीनियर्स ने सिस्टम को सफलता पूर्वक इनस्टॉल कर दिया। एक अन्य जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु में निजी स्तर पर रोलिंग बैरियर लगाए गए है लेकिन केंद्र सरकार के स्तर पर इन्हे देश में पहली बार नाहन में स्थापित किया गया है।
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सिरमौर जिले के नाहन में वाहनों को दुर्घटनाग्रस्त होने से रोकने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसके तहत सिरमौर (Sirmaur) के 206 मीटर एरिया में रोलर क्रैश बैरियर लगाने का कार्य पूरा किया जा चुका है।
अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग अनिल शर्मा ने बताया कि सरकारी एजेंसी की ओर से देश का पहले रोलर क्रैश बैरियर का ट्रायल नाहन में किया जा रहा है। 3 करोड़ 67 लाख की लागत से पहले चरण में एनएच 503 पर 300 मीटर, जबकि NH 907A पर 200 मीटर एरिया में सड़क किनारे रोलर क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं।
WATCH VIDEO : https://youtu.be/OUJYG_2_cAA
क्या है सिस्टम
यह एक शॉक एब्जॉर्बिंग सिस्टम है, जो टकराव के दौरान होने वाले इंपैक्ट को कम कर देता है। टकराने पर वहाँ की स्पीड कम हो जाएगी। साथ ही वाहन वापस सड़क की तरफ दिशा बदल लेगा। वाहन के खाई में गिरने की संभावना खत्म हो जाएगी। साथ ही वहाँ के क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम होगी।
आंकड़ों के मुताबिक
हिमाचल में प्रतिवर्ष 3000 के करीब सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1200 लोगों की मृत्यु होती है। 5000 लोग घायल होते हैं। अधिकांश सड़क हादसों में वाहन खाई में लुढ़कते है। ऐसी परिस्थितियों में ये बैरियर बेहद उपयोगी साबित हो सकते है।
ये बोले NH के अधिशासी अभियंता
एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में NH के अधिशासी अभियंता अनिल शर्मा ने बताया कि खासियत ये है कि रोलर क्रैश बैरियर में टकराने से गाड़ी को नुकसान नहीं होगा। रफ़्तार कम होने के साथ ही गाड़ी गिरने के बजाय फिर रोड पर आ जाएगी, जिससे दुर्घटना होने की संभावना शून्य के बराबर होगी। उन्होंने कहा कि जहां रोलर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, वहां 4 सीसी टीवी कैमरे लगाए गए है, ताकि फुटेज देखकर पता चलेगा कि दुर्घटना को रोकने में बैरियर कितने कारगर हैं। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम में तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था है।