मंडी, 28 मार्च : हिमाचल प्रदेश की मौजूदा सरकार प्रदेश में युवाओं के भविष्य को लेकर प्रतिबद्ध है, जिसके चलते प्रदेश में विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग माध्यम से कार्य करने वालों के लिए सरकार आने वाले समय में नीति बनाने की ओर अग्रसर है।
यह बात सोमवार को कैबिनेट मंत्री व प्रदेश कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने मंडी में हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी संघ के प्रदेश भर से आए पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की अध्यक्षता करने के उपरांत मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग आधार पर तैनात कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर सरकार इस विषय पर गंभीर है। जिसके तहत ही इस बैठक का आयोजन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में प्रदेश भर के आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं और उनके समाधान के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। उन्होंने संघ को एक प्रदेश स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी के गठन के निर्देश दिए जिसके साथ ही आने वाले समय में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक होगी। इसके साथ ही 10 अप्रैल तक सभी प्रकार की डिटेल भी कर्मचारियों से मांगी गई है, जिस पर कैबिनेट में भी चर्चा की जाएगी। महेंद्र सिंह ठाकुर ने आने वाले समय में निश्चित तौर पर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई राहत देने की बात कही।
कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि आने वाली एक अप्रैल को कैबिनेट सब कमेटी फोरलेन प्रभावितों के साथ मंडी में बैठक करेगी। उसके बाद फील्ड में जाकर जनता की अपीलों के बाद ही कमेटी अपनी रिपोर्ट कैबिनेट में रखेगी।
इसके साथ बैठक में प्रदेश भर से आए प्रतिनिधियों ने मंत्री के समक्ष एक-एक करके अपने विचार और सुझाव रखे। सभी कर्मचारियों ने सरकार से उनकी जॉब सिक्योरिटी की बात कही। सभी कर्मचारियों ने उन्हें संबंधित विभागों में ही मर्ज करने की मांग उठाई। बैठक उपरांत हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष के साथ उनकी बैठक सफल रही है, और उन्हें भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है।