शिमला, 13 मार्च: शायद, आपको याद होगा 30 साल का पवन। जुगाड़ से मिनी पावर प्रोजैक्ट का निर्माण कर 200 वाॅट बिजली तैयार करने वाला।
जुगाड़ वाले इलैक्ट्रिकल इंजीनियर पवन से जुडी एक नई जानकारी है। महज, चंद महीनों में बगैर कहीं से आर्थिक मदद लिए पवन ने इस प्रोजैक्ट की क्षमता को 200 से बढ़ाकर 700 वाॅट कर लिया है।
रोहडू उपमंडल की पुजारली पंचायत के रहने वाले पवन ने ये जानकारी एमबीएम न्यूज नेटवर्क से साझा की है। मिनी पावर प्रोजैक्ट बनाने वाले पवन से जुड़ी खबर 11 जनवरी 2022 को प्रकाशित की गई थी।
आपको बता दें कि 30 साल का पवन न तो इलैक्ट्रिकल इंजीनियर है न ही इसने कोई डिप्लोमा लिया है। आठवीं में पढ़ाई के दौरान केवल ये सपना देखा था कि घर के नजदीक बहने वाले पानी से बिजली का उत्पादन करना है।
चूंकि पवन अपने घर पर खुद की तैयार की गई बिजली का इस्तेमाल कर रहा है, लिहाजा बिजली के बिल में 50 प्रतिशत की कटौती हो गई है। वीडियो वायरल होने के बाद पवन को प्रोजैक्ट की क्षमता बढ़ाने की प्रेरणा मिली। बेशक ही कोई भी अब तक आर्थिक मदद के लिए आगे नहीं आया हो, लेकिन पवन ने पाई-पाई जोड़ कर कुछ उपकरण खरीदे।
दो महीने के भीतर ही प्रोजैक्ट की क्षमता को बढ़ाने में सफल हो गया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि यदि सरकार पवन की मदद करे तो वो इसे ओर बेहतर बनाया जा सकता है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने संबोधन में कहते हैं, हिमाचल का पानी व जवानी देश के लिए काम आती है। पानी से अभिप्राय ये होता है कि बांध परियोजनाओं की बिजली का उपयोग देश भर के लिए होता है। इस बात से इसे भी जोड़ा जाता है कि हिमाचल में पानी का दोहन सही तरीके से हो जाए तो प्रदेश को अच्छी-खासी कमाई हो सकती है।
छोटे-छोटे नदी-नालों का पानी आज भी व्यर्थ बह जाता है। पवन एक मिसाल बन गए हैं, जिन्होंने ये कर दिखाया है कि बेकार बहने वाले पानी से भी बिजली बनाई जा सकती है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पवन ने कहा कि आर्थिक कमी के कारण वो प्रोजैक्ट का विस्तार नहीं कर सकते हैं। फिलहाल बिजली का भंडारण संभव नहीं है। प्रोजैक्ट से आने वाली घर की बिजली को जब बंद करना पड़ता है तो पूरा प्रोजैक्ट ही स्विच ऑफ करना पड़ता है। इसके स्विच का इंतजाम घर पर ही कर लिया है। बार-बार प्रोजैक्ट स्थल पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
VIDEO : https://youtu.be/li_2qXXSF1A
उनका कहना है कि अगर एक-दो लाख का इंतजाम हो जाए तो मिनी प्रोजैक्ट को ओर बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब तक कोई भी मदद नहीं मिली है। पवन का कहना था कि खबर के वायरल होने के बाद काफी लोगों ने मौके पर आकर भी प्रशंसा की, लेकिन इसके विस्तार में आर्थिक कमी को कैसे दूर किया जाए, इसका आईडिया किसी ने नहीं दिया।
एक सवाल के जवाब में पवन का ये भी कहना था कि वो निजी भूमि में ही कार्य कर रहे हैं। प्रोजैक्ट भी अपनी भूमि में लगाया है। लिहाजा, कोई चिंता नहीं है। वो अपने इस सपने को बड़े स्तर पर ले जाने में प्रयासरत हैं। उनका कहना था कि प्रथम चरण में सफलता मिलने से बेहद उत्साहित हैं।