सुंदरनगर, 22 फरवरी : कुछ महीने पहले बिहार के एक बच्चे का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो ‘बसपन का प्यार मेरा, भूल नहीं जाना’ गीत गुनगुना रहा था। मगर रियल लाइफ में ये गीत मंडी जिला की बल्ह घाटी में चरितार्थ हुआ है। दूल्हा घोड़ी की बजाय व्हील चेयर पर बैठ बारात लेकर आया था। बारात का स्वागत भी जोरदार हुआ।
12वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान व्हील चेयर पर बैठे लड़के से लड़की को प्यार हो गया। वो प्यार क्षणिक नहीं था। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद दोनों ने अलग-अलग स्नातक की पढ़ाई पूरी की। दिव्यांग लड़के ने सिविल टे्रड में बीटेक की पढ़ाई की तो लड़की ने मंडी काॅलेज से राजनीतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर शिक्षा हासिल की। अब दोनों ने सात फेरे लेकर एक-दूसरे का साथी बनने का फैसला लिया है।
बल्ह विधानसभा क्षेत्र के सिद्धयाणी के पुष्पराज व रिवाल्सर के चढी गांव की रहने वाली हिमा देवी की शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
Watch Video : https://youtu.be/QdKJgWX4thY
दूल्हा पुष्पराज बचपन से दिव्यांग नहीं था। जीवन में एक ऐसा हादसा हुआ, जिसके जख्म ताउम्र के लिए मिल गए। 2010 में लेदा के नजदीक एक सड़क हादसे में जख्मी हुआ था। हादसे में पुष्पराज के छोटे भाई सहित 35 की मौत हुई थी। तब पुष्पराज ये बात समझ गए थे, कि भगवान ने जीवन दिया है तो कुछ करने के लिए दिया है। गंभीर हालत में पुष्पराज की आईजीएमसी शिमला में स्पाइन सर्जरी हुई थी। 12 साल बाद भी पुष्पराज का उपचार चल रहा है।
चढी गांव की हिमा देवी के पिता नोताराम लोक निर्माण विभाग में लेबर का कार्य करते हैं। शादी से पहले जब हिम्मत कर हिमा ने माता-पिता को अपनी पसंद के बारे में बताया था तो उन्होंने सहर्ष ही इसे स्वीकार कर लिया। अनूठी शादी में गांव का हर शख्स गवाह बना। बुजुर्गों के आशीर्वाद के साथ जीवनसंगिनी हिमा के साथ बैसाखियों के सहारे सात फेरे लिए।
उल्लेखनीय है कि 2010 में एक हादसा उस समय हुआ था, जब धार्मिक कार्य के लिए लोग एक ट्रक में जा रहे थे। ट्रक खाई में गिरा। हादसे के वक्त पुष्पराज नौंवी कक्षा में सिद्धयाणी स्कूल में ही पढ़ता था। कुल मिलाकर ये शादी समाज के लिए एक प्रेरणा है।