मंडी, 14 जनवरी : अफीम व चरस रखने के आरोपी को विशेष न्यायाधीश मंडी की अदालत ने 6 वर्ष के कठोर कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है। मामला वर्ष 2016 का है। जिला न्यायवादी मंडी, कुलभूषण गौतम ने बताया कि 5 अप्रैल 2016 को अन्वेक्षण अधिकारी निरीक्षक यशवंत सिंह, अपने सहयोगियों उप निरीक्षक सुरेंदर सिंह, सहायक उप निरीक्षक नन्द लाल, मुख्य आरक्षी गोविन्द राम व आरक्षी राजेश कुमार नारकोटिक्स सेल राज्य गुप्तचर विभाग शिमला के साथ हनोगी से बांदी सड़क में कांडी-धार जंगल में नाकाबंदी पर मौजूद थे।
नाके के दौरान शाम 7:30 एक व्यक्ति बांदी गांव से सड़क पर पैदल आ रहा था, उसने अपने दाहिने हाथ में एक लाल रंग का कैरी बाग उठाया हुआ था। जैसे ही वह नाकाबंदी पार्टी के समीप पहुंचा तो घबरा कर बांदी गांव की तरफ भागने लगा, जिस पर पुलिस पार्टी ने उसे तुरंत अपने काबू में ले लिया। व्यक्ति के किसी अवैध वस्तु होने के संदेह के चलते पुलिस टीम उक्त व्यक्ति की तलाशी ली गई।
तलाशी के दौरान कैरी बैग के अन्दर से चरस बरामद की गई l वहीं इसी कैरी बैग में पॉलिथीन के पारदर्शी रैपर से अफीम भी बरामद की गई। इसके अतिरिक्त इसी कैरी बैग में एक तराजू स्टील व पीतल वाट 10 ग्राम व 20 ग्राम पीतल तथा 100/100 ग्राम लोहे के दो वाट पाए गए। चेक करने व तोलने पर 605 ग्राम चरस और 60 ग्राम अफीम पाई गई।
इस पर पुलिस थाना राज्य गुप्तचर विभाग भराडी शिमला में 10/16 मामला दर्ज किया गया । इस मामले की जाँच अन्वेक्षण अधिकारी उप निरीक्षक यशवंत सिंह , पुलिस थाना राज्य गुप्तचर विभाग भराडी शिमला ने अमल में लायी गई और तफ्तीश पूरी होने पर मामले का चालान अदालत में दायर किया गया। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 9 गवाहों के ब्यान कलम बन्द करवाए। अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पाया कि आरोपी उधम सिंह निवासी गांव कांडा, तहसील सदर द्वारा 605 ग्राम चरस व 60 ग्राम अफीम रखने का अपराध संदेह की छाया से परे सिद्ध हुआ है।
अदालत ने दोषी को एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के तहत 6 वर्ष के कठोर कारावास एवं 60 हजार रुपए के जुर्माने और धारा 18 के तहत एक वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 6 महीने (एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के तहत) एवं 2 महीने (एन डी पी एस एक्ट की धारा 18 के तहत) के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी सुनाई।