शिमला, 08 जनवरी : हिमाचल प्रदेश में लागू छठे वेतन आयोग पर अध्यापक संघ ने असंतोष जाहिर किया है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किए गए वेतन आयोग की सिफारिशों में खामियां उजागर की है। संघ का कहना है कि वेतन आयोग के लिए अपनाया गया फार्मूला न तो पंजाब सरकार का है न ही केंद्र का। जेबीटी, सीएंडवी, टीजीटी, प्रवक्ता से लेकर गैर शिक्षक कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों के बेसिक वेतन में अंतर आ गया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चैहान ने शनिवार को शिमला में आयोजित प्रेसवार्ता में राज्य सरकार पर प्रदेश के कर्मचारियों को ठगने का आरोप जड़ा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी उलझन में हैं और उन्हें यह समझ ही नहीं आ रहा है कि वेतन आयोग के लाभ के लिए वह कौन सी ऑप्शन चुने। यही नहीं डीडीओ जिनके पास ऑप्शन देनी है वह भी कंफ्यूज है। 7-7-2014 को 4-9-14 टाइम स्केल के रूल 2009 के तहत निर्धारित किए गए टाइम स्केल को भी तहस नहस कर दिया, जिसका खामियाजा छठे वेतन आयोग में प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा है।
उन्होंने प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठनों चाहे वह शिक्षक है या गैर शिक्षक सभी को इसके विरूद्ध एकजुट होकर आवाज उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर संघ मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जो अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को सबसे कम वेतनमान दे रहा है। हिमाचल ने पंजाब से हटकर वेतन आयोग की सिफारिशें दी है। यदि ऐसा ही करना था तो फिर पंजाब वेतन आयोग को लागू करने का इंतजार ही क्यों किया गया।
कहा कि 2016 से छठे वेतनमान के अनुसार हिमाचल में प्रवक्ताओं को इनिशियल वेतनमान 43000 है टीजीटी को 38100, सीएंडवी को 35600 जेबीटी को 33400 रखा गया है, जबकि पंजाब में 47000, 41600, 40100, 37600 और केंद्र में यदि केंद्रीय विद्यालय में प्रवक्ताओं को 47,600 टीजीटी को 44,900 जेबीटी को 35400 है। केंद्रीय विद्यालय के शिक्षकों को इस वेतनमान पर 24 फीसद एचआरए, 31 फीसद डीए और अन्य भत्ते भी दिए जा रहे हैं। इसी तरह पंजाब में भी 10 फीसद से 24 फीसद एचआरए और 31 फीसद डीए सहित अन्य भत्ते भी कर्मचारियों और शिक्षकों को दिए जा रहे हैं। हिमाचल में अभी मात्र छठा वेतन आयोग लागू किया गया है और साथ में किसी तरह के भते नहीं बढ़ाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि 1-9-2013 व इसके बाद लगे लिपिक, स्टेनो, फॉरेस्ट गार्ड और पुलिस कांस्टेबल के मूल वेतन में 3400 का अंतर आया है। हिमाचल में आईआर मिलने के बाद 11,4016 रुपए की रिकवरी लगेगी। जेबीटी की कुछ श्रेणियों में मूल वेतन में 9100 का अंतर है 50 हजार से 1 लाख की रिकवरी होगी। टीजीटी श्रेणी में पंजाब और हिमाचल में मूल वेतन में 7800 रुपए का अंतर है। प्रवक्ताओं के मूल वेतन में 7300 रुपए का अंतर है। 4-9-14 टाइम स्केल जिसको हिमाचल सरकार 3 जनवरी 2022 को बंद करने की अधिसूचना जारी कर चुकी है। 1-1- 2021 तक की कैलकुलेशन में हिमाचल सरकार 4-9-14 टाइम स्केल की कैलकुलेशन को लेने से नहीं रोक सकती है। जिस वर्ष जिस कर्मचारी का 4 या 9 या 14 वर्ष का बेनिफिट टाइम स्केल के तहत उसको मिलना है। वहां उसकी कैलकुलेशन 1-1- 2021 तक की कैलकुलेशन में आ जानी चाहिए।