शिमला, 04 जनवरी : रियासतकालीन स्कूल जुन्गा द्वारा अतीत से ही गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई जा रही है। प्रदेश का शायद यह पहला ऐसा स्कूल है, जहां पर प्राइवेट स्कूल छोड़कर बच्चे जुन्गा स्कूल में प्रवेश ले रहे हैं।
बीते वर्ष कोरोना संकट के उपरांत स्कूल खुलने पर विभिन्न प्राइवेट स्कूलों के 65 बच्चों ने इस स्कूल में प्रवेश लिया। जिसमें छठी कक्षा में आठ, सातवीं में 11, आठवीं में 6, नवीं में 13, दसवीं में एक, 11वीं कक्षा में 14 और जमा दो कक्षा में 12 बच्चों ने दाखिला लिया। इनमें कुछ बच्चे स्थानीय प्राइवेट स्कूल व कुछ बच्चे शिमला मेें शिक्षा ग्रहण कर रहे थे।
प्रदेश के इतिहास में यह एक नई परंपरा आरंभ हो गई। अन्यथा सरकारी स्कूलों में केवल गरीब व मध्यम वर्ग के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे। यहां तक की सरकारी स्कूल के अध्यापकों के बच्चे भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं।
बता दें कि वर्ष 1929 में तत्कालीन क्योंथल रियासत के महाराजा हेमेन्द्र सेन द्वारा आवासीय स्कूल को खोला गया था। समूचे क्योंथल क्षेत्र में यह एक मात्र विद्या मंदिर हुआ करता था, जहां पर शुरूआती दौर में संस्कृत और ऊर्दू सहित अन्य विषय पढ़ाए जाते थे। ग्रामीण क्षेत्रों के समृद्ध परिवारों के बच्चे पैदल पहुंच कर यहां शिक्षा ग्रहण करते थे। देश की आजादी के उपरांत वर्ष 1947 में इस स्कूल को सरकारी नियंत्रण में लिया गया। 1984 के उपरांत स्कूल मेें आवासीय सुविधा बंद कर दी गई थी। वर्ष 1968 में इसे हाई स्कूल और 1986 में इसे जमा दो स्कूल का दर्जा प्रदान किया गया था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. अनीता पठानिया के कार्यभार संभालने के उपरांत शिक्षा के स्तर में आशातीत प्रगति हुई है। जिसके फलस्वरूप जुन्गा क्षेत्र के अभिभावकों ने अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से हटाकर सरकारी स्कूल में दाखिल करवाया। अभिभावकों का कहना है कि प्रिंसिपल डॉ. अनीता पठानिया ने स्वयं व स्टाफ के सहयोग से तीन कमरों, बरामदे व शौचालय में निजी धनराशि से मरम्मत व टाइल्स बिछाई है ताकि बच्चे एक अच्छे स्कूल का विद्यार्थी महसूस कर सके।
गौर रहे कि इस स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत 15 व्यक्ति प्रदेश के विभिन्न उच्च पदों पर सेवारत हैं। स्कूल के सम्मान बोर्ड पर आत्मा राम शर्मा, ज्योतिधर शर्मा, हरिकृष्ण शर्मा, माही धर शर्मा, कर्नल सतीश कुमार शर्मा, शक्त राम कश्यप, देवेन्द्र दत्त शर्मा, देवेन्द्र कश्यप, योगेन्द्र सेन, हरि स्वरूप शर्मा, महेश शर्मा, मनजोत कौर, पवन सूद , हरजोत कौर और मोनिका कौशल के नाम अंकित है।
प्रधानाचार्य का कहना है कि बच्चों के भविष्य को संवारना उनका नैतिक दायित्व है, जिसके लिए भागीरथी प्रयास किए जा रहे है। प्राइवेट स्कूलों से बेहतर वातावरण इस स्कूल में सृजन करने पर विशेष बल दिया जा रहा है ताकि बच्चों को प्राइवेट स्कूल से बेहतर व गुणात्मक शिक्षा मिल सके।