कुल्लू, 03 जनवरी : आनी उपमंडल के 10280 फ़ीट की ऊंचाई पर बसे जलोड़ी दर्रे के साथ स्थित पौराणिक सरेउलसर झील अत्यधिक ठंड के कारण जम चुकी है। सरेउलसर झील करीब एक किमी के दायरे में फैली है। चारों ओर से रैई, खरशू आदि पेड़ों से घिरी 10500 फुट की उंचाई पर स्थित झील सर्दियों में अत्यिधिक ठंड़ होने के बाद पूरी तरह से जम गई हैं। इन दिनों यह देश विदेश के पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है।
धार्मिक आस्था के चलते जमी हुई झील के ऊपर खड़े होकर फोटोग्राफी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध बूढ़ी नागिन माता मंदिर कमेटी द्वारा लगाया गया है। सरेउलसर स्थित बूढ़ी नागिन माता मंदिर के कारदार रिंकू सिंह राणा ने जलोड़ी दर्रे, सोझा, घियाघि और सरेउलसर के पैदल रास्ते मे होटल, ढाबा, होम सटे चलाने वाले लोगों और स्थानीय गाइडों से अपील की है कि जो भी पर्यटक आपके यहाँ ठहरने आते हैं और फिर सरेउलसर की ओर निकलते हैं। उन्हें बाकायदा हिदायत देकर भेजें की पौराणिक और क्षेत्र की पूजनीय इस झील के ऊपर न चढ़ें, न ही जूतों के साथ इसके पानी मे या फिर जमी हुई झील पर चढ़ें।
रिंकू राणा ने कहा कि बीते कुछ दिनों में देखने मे आया है कि स्थानीय लोगों के साथ आये पर्यटकों ने जूते के साथ अपने मनोरंजन के लिए झील पर चढ़कर फोटोग्राफी की। जो बूढ़ी नागिन माता के आनी, बंजार, मंडी क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाता है। मन्दिर कमेटी ने सभी को चेताया है कि यदि अब झील के ऊपर चढ़कर फोटोशूट करने पर रोक न लगी तो मन्दिर कमेटी कड़े कदम उठाने पर मजबूर होगी।