शिमला 03 जनवरी : सीपीआई(एम) कसुम्पटी इकाई ने ग्रामीण क्षेत्र को नगर निगम शिमला में मिलाने की सरकार की कवायद का कड़ा विरोध किया है। माकपा कसुम्पटी इकाई ने सरकार और नगर निगम को चेतावनी दी है कि अगर ग्रामीण इलाकों को ज़बरदस्ती नगर निगम शिमला में मिलाने की कोशिश की तो पार्टी इसके खिलाफ आन्दोलन करेगी।
सीपीआई(एम) नेता और राज्य सचिवमंडल के सदस्य डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि पुराना मर्ज्ड एरिया अभी तक नगर निगम में मिलने का खामियाज़ा भुगत रहा है। सरकार पुराने मर्ज्ड एरिया में बने मकानों को अवैध मानती है। अभी भी इस क्षेत्र में बिजली और पानी के कनेक्शन व्यवसायिक तौर पर दिये जा रहे हैं, जिससे जनता पर बोझ पड़ रहा है। उन्हें बिजली और पानी के बिल व्यवसायिक दरों पर देने पड़ रहे हैं। मर्ज्ड एरिया में रहने वाले काश्तकारों और स्थानीय बाशिंदों के बारे में भी सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं है। सरकार ग्रामीण क्षेत्र को नगर निगम में मिलाकर यहां से सिर्फ टैक्स उगाही करना चाहती है, मगर जनता को राहत नहीं देना चाहती।
डॉ. तंवर ने कहा कि नगर निगम में लाने के लिए सरकार ने न पहले और न अब क्षेत्र की जनता को विश्वास में लिया गया। सरकार हमेशा अपने चन्द चहेतों और व्यावसायिक हित साधने वालों को खुश करने के लिए आनन-फानन में फैसला लेती है, जबकि मर्ज्ड होने के बाद जनता को आने वाली दिक्कतों और क्षेत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव या इसकी पेचिदगियों पर गौर नहीं करती। डॉ. तंवर ने कांग्रेस और भाजपा को भी इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा।
कसुम्पटी लोकल कमेटी के सचिव सत्यवान पुण्डीर ने कहा कि सरकार स्मार्ट सिटी और अमृत मिशन की शर्तों को पूरा करने के लिए नगर निगम के क्षेत्र का विस्तार करना चाह रही है, ताकि अपने चहेते ठेकेदारों को काम देकर उस पैसे को शिमला शहर को चमकाने में लगा सके। पुंडीर ने कहा कि सरकार ने पुराने मर्ज्ड एरिया की समस्याओं का हल तो दशकों से निकाला नहीं और एक बार फिर से ग्रामीण जनता को कुएं में ढकेलने की कोशिश कर रही है। पुंडीर ने मर्ज करने के लिए प्रस्तावित क्षेत्र की जनता से अपील की है कि वे भी अपनी लड़ाई के लिए मुखर होकर आगे आएं वर्ना एनजीटी और टीसीपी के अव्यावहारिक फरमान ग्रामीण क्षेत्र की जनता के लिए जी का जंजाल बन जाएंगे।
उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के स्थानीय नेताओं की बोलती इसलिए बंद है कि वे अपनी ही सरकार के गलत फैसले का भी विरोध नहीं कर सकती और कांग्रेस के विधायक तो अपने घर की पंचायत तक नहीं बचा पा रहे तो पूरे क्षेत्र को कैसे बचा पाएंगे। सत्यवान पुंडीर का कहना है कि पुराने ज़ख्म भरे नहीं और सरकार नये देने की तैयारी में है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।