शिमला, 01 जनवरी : नववर्ष की पहली सुबह शिमला के रिज मैदान के नजदीक तेंदुए के एक शावक को रेस्क्यू किया गया है। हालांकि, ये डीएनए (DNA) के बाद ही साबित होगा कि 17-18 नवंबर को कनलोग इलाके में रेस्क्यू की गई मादा तेंदुआ का शावक है या नहीं, लेकिन प्रारंभिक तौर पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये वही शावक है, जो मां के कैद होने के बाद इधर-उधर भटक रहा था। पहले रेस्क्यू की गई मादा तेंदुआ को भी रेस्क्यू सैंटर (Rescue Center) टूटीकंडी में रखा गया है, अब सुबह रेस्क्यू किए गए शावक को भी टूटीकंडी भेजा जा रहा है।
लिहाजा, शावक (Cub) का अपनी मां से मिलन भी हो सकता है। विशेषज्ञों (experts) का ये भी कहना है कि अगर मादा तेंदुआ का ही शावक होगा तो फिजिकल तौर पर उनकी एक्टिविटी से भी ये पता चल सकता है कि ये वही मादा है, जिसके दो शावक बिछड़ गए थे।
मिल रही जानकारी के मुताबिक वाइल्ड लाइफ विभाग (Wildlife Department) को अल सुबह यूएस क्लब के नजदीक एक तेंदुए का शावक होने की सूचना मिली। लोगों को भी उस समय अहसास हुआ, जब कुत्ते काफी जोर-जोर से भौंकने लगे। तुरंत ही लोगों ने तेंदुए के शावक को देख लिया, जो पेड़ पर सुरक्षित जगह बैठा हुआ था। मौके पर पहुंची वाइल्ड लाइफ की टीम ने शावक को रेस्क्यू करने के बाद टूटी कंडी भेज दिया है। इस शावक की उम्र 6 से 8 महीने बताई जा रही है।
बता दें कि दिवाली की रात तेंदुए ने डाउनडेल इलाके से एक बच्चे को आंगन से उठाकर मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद तेंदुए की तलाश में विभाग को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा था। मादा तेंदुआ के साथ कैमरे में दो शावक भी कैद हुए थे।
उधर, फोरेंसिक जांच (forensic investigation) रिपोर्ट नहीं आई है, जिससे यह पता चल सके कि टूटीकंडी में रखी गई मादा तेंदुआ ने ही दिवाली की रात नन्हें बच्चे को मौत के घाट उतारा था। उल्लेखनीय है कि फोरेंसिक जांच में डाउनडेल से उठाए गए बच्चे के अवशेषों का जानवर के बालों से मिलान किया जाना है।
उल्लेखनीय है कि बच्चे की मौत के करीब दो सप्ताह बाद मादा तेंदुआ विभाग की गिरफ्त में आई थी, इसके लिए विभाग को वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट (Wildlife Institute) से भी टीम को बुलाना पड़ा था।
उधर, वाइल्ड लाइफ विभाग के एपीसीसीएफ (APCCF) अनिल ठाकुर ने तेंदुए के शावक के रेस्क्यू होने की पुष्टि की है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये शावक उसी मादा तेंदुआ का है, जिसे नवंबर के महीने में रेस्क्यू किया गया था। उन्होंने कहा कि शावक व मादा तेंदुआ के डीएनए से इसकी पुष्टि हो सकती है। उन्होंने कहा कि मादा तेंदुआ द्वारा बच्चे को मारे जाने से जुड़ी फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट नहीं मिली हैै।