नाहन, 30 दिसंबर : मंजिल उन्हीें को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है। ये पंक्तियां, पच्छाद उपमंडल की बागपशोग पंचायत के शुभम शर्मा पर खरी उतरती हैं। वीरवार को पीटीसी डरोह (PTC Daroh) मेें सब इंस्पेक्टर के पद पर पासिंग आउट परेड (Passing Out Parade) के बाद शुभम ने वो सपना साकार किया है, जो करीब पांच साल पहले देखा था। यही नहीं, पासिंग आउट परेड में मौजूद माता-पिता ने जब बेटे को सब इंस्पेक्टर के पद पर कैप पहनाई तो आंखों में खुशी के आंसू थे तो मन में खुशियां उमड़ रही थी।
सपने को साकार करने के लिए कम उम्र में शुभम ने जो फैसले लिए थे, वो भी आज सटीक साबित हुए। 2017 में जब वनरक्षक (Forest Guard) व पुलिस कांस्टेबल (Police Constable) के पद पर चयनित हुए थे तो वनरक्षक बनने का फैसला इसलिए लिया था, क्योंकि वो जानते थे कि एक बार पुलिस विभाग में आरक्षी के पद पर सेवाएं शुरू कर दी तो असल सपने की प्रतियोगी परीक्षा (competitive exam) की तैयारी करने का वक्त नहीं मिलेगा। हालांकि, शुभम होटल मैनेजमेंट (Hotel Management) की पढ़ाई करने के बाद मसूरी में कैरियर भी शुरू कर चुके थे, मगर बचपन से ही पुलिस अधिकारी (Police Officer) बनने का सपना पाले हुए थे।
ऐसे भी बहाया तैयारी का पसीना….
करीब 26 साल के शुभम शर्मा की सफलता में एक ऐसी किस्सा भी है जो खुद में दुर्लभ हो सकता है। 2017 में वनरक्षक के पद पर किन्नौर में एक ऐसी जगह रोगी में तैनाती मिली, जहां ग्राऊंड की प्रैक्टिस (Ground Practice) संभव नहीं थी। तड़के अपने एक दोस्त के साथ रोजना बाइक पर चार किलोमीटर का सफर तय कर कल्पा पहुंचते थे, ताकि शारीरिक परीक्षा की तैयारी की जा सके। डयूटी के साथ-साथ तैयारी इस कारण चुनौती हो गई, क्योंकि ट्राइबल इलाके में बिजली-पानी की कनेक्टिविटी (Connectivity) अक्सर बाधित होती थी।
ऐसे पैदा हुआ वर्दी का जुनून….
दरअसल, शुभम शर्मा के पिता मदन शर्मा आईटीबीपी (ITBP) में कार्यरत रहे। बचपन से ही पिता को यूनिफॉर्म में देखा था। मन ही मन में पिता की तरह ही वर्दी पहनने का सपना देख लिया। हालांकि, नाहन के आदर्श विद्या निकेतन स्कूल में जमा दो की पढ़ाई करने के बाद अपने मकसद से भटककर होटल मैनेजमेंट की तरफ भी चले गए, मगर समय रहते ही अपने लक्ष्य की तरफ वापस मुड़ आए।
पासिंग आउट परेड….
वीरवार को बेटे को पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर (Inspector) बनते देखने के लिए पिता मदन शर्मा व मां कांता शर्मा के अलावा भाई शाश्वत शर्मा भी मौजूद था। उल्लेखनीय है कि शुभम का भाई शाश्वत भी होशियार बेटा है, जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) से मास्टर डिग्री (Master Degree) कर रहा है। सब इंस्पेक्टर बने शुभम ने कहा कि 15 महीने की कठिन ट्रेनिंग (Tough Training) के बाद आज वो पल आ ही गए, जिसके लिए कड़ी मेहनत की थी। उनका कहना था कि सफलता आपके कदम चूमती है, बशर्ते आप लक्ष्य को भेदने के लिए कोई कोर कसर न छोडे़।