पांवटा साहिब, 24 दिसंबर : गौ संरक्षण पर मुहिम चलाने वाले सचिन ओबराॅय के साथ-साथ कांग्रेस नेता अनिंद्र सिंह नोटी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। हालांकि, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी रंजीत सिंह बेदी की शिकायत पर अक्तूबर माह में ही मामला दर्ज कर लिया गया था, लेकिन इसका खुलासा अब उस समय हुआ, जब अदालत में चार्जशीट पहुंची है।
नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी रंजीत सिंह ने पुलिस को लिखी शिकायत में कहा था कि 16 अक्तूबर 2021 को सचिन ओबराॅय ने नगर पालिका के रामलीला मैदान में गौ संरक्षण की मुहिम के तहत शांतिपूर्ण प्रदर्शन व विश्व शांति हेतु हवन करने के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन सचिन ओबराॅय द्वारा अनुमति की अवहेलना करते हुए 18 अक्तूबर 2021 को सोशल मीडिया में एक पोस्ट डाली गई। इसमें लिखा गया कि वो 19 अक्तूबर से मैदान का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के लिए उपयोग करने जा रहे हैं। तुरंत ही इसकी अनुमति को रद्द कर दिया गया था।
अनुमति रद्द होने के बावजूद नगर पालिका के रामलीला मैदान में व्यापार मंडल के प्रधान व अन्य लोगों द्वारा मैदान के गेट का ताला तोड़ने के बाद जबरदस्ती अवैध कब्जा कर लिया। पुलिस द्वारा उन्हें रोकने की भी कोशिश की गई थी। नगर पालिका ने दलील दी थी कि साफ-सफाई व मैदान को समतल करने का कार्य प्रस्तावित था, लेकिन अवैध कब्जे के कारण इस कार्य को नहीं किया जा सका। सारी कार्यकारिणी में बाधा उत्पन्न हो गई।
कार्यकारी अधिकारी ने इसी की निरंतरता में कहा कि व्यापार मंडल के प्रधान अनिंद्र सिंह नोटी ने 22 अक्तूबर 2021 को प्रातः से ही नगर पालिका के मैदान के मुख्य गेट का ताला तोड़कर जबरदस्ती अपने वाहन को मुख्य गेट के बीच लगाकर अतिक्रमण कर लिया, जिससे मैदान में आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। कार्यकारी अधिकारी ने पुलिस से इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया था। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद सीधे ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की।
सचिन ओबराॅय ने कहा कि जीवन में पहली बार उनके खिलाफ एफआईआर हुई है। लेकिन खुशी इस बात की है कि गौ माता की रक्षा के लिए मुकदमा हुआ है। उन्होंने मामला दर्ज करवाने पर पांवटा नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस बात की भी प्रसन्नता है कि ईओ ने एफआईआर में गौ माता शब्द का इस्तेमाल तो किया। उन्होंने खुद को गौवंश रक्षक बताने वाली जयराम सरकार पर भी कई तंज कसे।