कांगड़ा,आशीष शर्मा : जनपद की 814 में से 40 पंचायतें बीपीएल मुक्त (Below Pevrty Line Free) घोषित की गई हैं। इसमें नगरोटा सूरियां खंड की 12 पंचायतें हैं,वही फतेहपुर, लंबागांव व सुलह की एक-एक पंचायत को बीपीएल मुक्त घोषित किया गया है। हालांकि कुछ पंचायतों के बाशिदों ने एसडीएम(Sub Divisonal Magistrate) के समक्ष अपील (Appeal) करते हुए कहा कि उनकी पंचायतों में कई गरीब परिवार (Poor Family) हैं, इसलिए इन्हें बीपीएल मुक्त घोषित करना सही नहीं है।
ग्राम सभा की बैठकों के फैसले को रद्द किया जाए। पालमपुर के नगर निगम और शाहपुर के नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आने के बाद कई पंचायतों का विलय भी हुआ। ये अलग बात है कि इसके बाद पंचायतों की संख्या बढ़ी है,जो 748 से बढ़कर 814 हो गई है। कुल 63,215 बीपीएल परिवारों की संख्या घटकर 52,501 रह गई है।
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से 61,015 परिवारों का बीपीएल सूची के लिए चयन किया जाना है। कोरोना महामारी Pendemic) के कारण कई पंचायतों में ग्रामसभा की बैठकें नहीं हुई हैं। बैठकें होने के बाद यह आंकड़ा 61,015 पहुंच जाएगा।
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (District Rural Development Agency) कांगड़ा के उपनिदेशक सोनू गोयल का कहना है कि 15 विकास खंडों के तहत 814 पंचायतों में से 40 बीपीएल मुक्त घोषित की गई हैं। इनमें से कुछ पंचायतों के मामले संबंधित एसडीएम के पास विचाराधीन हैं। 52,501 परिवारों का चयन किया जा चुका है, शेष परिवारों के चयन के लिए कई पंचायतों में अभी ग्रामसभा की बैठकों में फैसला लेना है।
खंड स्तर पर ये आंकड़ा
भवारना, में 3, देहरा में 6, फतेहपुर में 1, पंचरुखी में 2, रैत में 2, कांगड़ा में 3, लंबागांव में 1, नगरोटा सूरियां में 12, परागपुर में 9, सुलह में 1 पंचायत को बीपीएल मुक्त घोषित किया गया है।