शिमला, 20 दिसंबर : राजधानी शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में सभी मरीजों के हेपेटाइटिस बी और सी के टैस्ट इमरजेंसी लैब में 24 घंटे निशुल्क करवाएगा। इसके लिए किटें मंगवा दी गई है। अगले सप्ताह से यह दोनों टैस्ट इमरजेंसी लैब में होने शुरू हो जाएंगे। उसके बाद मरीजों को निजी लैब के चक्कर काटने से छुटकारा मिल जाएगा।
हालांकि अभी यह टैस्ट आईजीएमसी की सरकारी लैब में भी हो रहे थे, मगर वहां पर भी मरीजों को इसके पैसे चुकाने पड़ते थे। यह टैस्ट 200 रुपए से लेकर 4000 रुपए तक होते थे। जबकि प्राइवेट में इसके आठ हजार रुपए तक वसूले जा रहे थे। आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि आईजीएमसी की इमरजेंसी लैब में हेपेटाइटिस बी और सी के अब 24 घंटे टैस्ट होंगे।
यह टैस्ट निशुल्क किए जाएंगे। इसके लिए किटें मंगवा ली गई है। अगले सप्ताह तक किटे पहुंच जाएगी उसके बाद यहां पर टैस्ट शुरू कर दिए जाएंगे। लोगों से अपील है कि उन्हें यदि हेपेटाइटिस का कोई भी लक्षण है तो वह तुरंत आईजीएमसी में पहुंचकर इसका टैस्ट करवाएं।
बता दें कि हेपेटाइटिस बी और सी के मौजूदा समय में आईजीएमसी में करीब 250 मरीज इलाज करवा रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार उत्तर भारत बीमारी का कैपिटल है। प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। करीब चार साल पहले प्रदेश के लाहौल स्पीति में सर्वे हुआ था। इसमें 4280 लोगों पर रिसर्च किया गया। इसमें पाया गया कि 22.8 फीसदी लोग हेपेटाइटिस बी की चपेट में हैं। लोगों में लिवर की खराबी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। समय समय पर अस्पताल प्रबंधन लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।
दरअसल हेपेटाइटिस बी और सी के लक्षण कुछ महीनों तक स्पष्ट नहीं दिखते हैं। इसमें मरीज को थकान होने लगती है और भूख भी काफी कम हो जाती है। इसके अलावा गहरे रंग का मूत्र आना, जोड़ों में और मांसपेशियों में दर्द, बुखार, पेट में परेशानी होना, दुर्बलता, जी मिचलाना, उल्टी आना, आंखों और त्वचा का रंग पीला पड़ जाना ही इसके मुख्य लक्षण है।