धर्मशाला,19 दिसंबर: विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सामान्य वर्ग आयोग के गठन का ऐलान कर मास्टर स्ट्रोक खेलने का प्रयास किया है। हालांकि इससे पहले स्वर्ण समाज के आंदोलनकारियों के गुस्से व व्यवहार के चलते पुलिस व प्रशासन को नुकसान भी झेलना पड़ा। इतना ही नहीं ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों के हाथों में कमेटी गठित करने की अधिसूचना थमा कर उनके गुस्से को शांत कर अपने साथ खड़ा करने का दांव भी खेला है।
भले ही विधानसभा के बाहर इस बार सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन हुए हों, लेकिन माहौल को अपने पक्ष में कर मुख्यमंत्री ने नया सियासी संदेश दिया है। चुनावी वर्ष से पहले सरकार की इस तैयारी के कई मायने निकाले जा रहे हैं। सत्र के दौरान जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री काउंसिल की बैठक को भी मैनेज कर लिया। सदन में वापसी के बाद विपक्ष के हाथों से मुद्दा भी छीन लिया। सीएम ने विपक्ष के सवाल और तेवरों के हमलावर होकर पलटवार जवाब दिए। विपक्ष को न तो पहले की तरह वाकआउट करने का अधिक अवसर मिल पाया, और न ही किसी बड़े मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेर पायी।
मंडी में प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय बनाने का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया। ये तय है कि आने वाले दिनों में भाजपा इन मुद्दों का सियासी लाभ लेने की कोशिश करेगी। तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम में कुलपति न होने पर भी वैकल्पिक व्यवस्था करने का संशोधन कर बड़ा निर्णय किया है। उधर उम्मीद है कि आने वाले समय पुलिस कर्मियों की पे बैंड से जुडी मांग को भी पूरा कर एक और स्ट्रोक खेला जा सकता है। इसके लिए कमेटी का गठन पहले ही कर दिया गया है।