शिमला, 18 दिसंबर : एचआरटीसी में कार्यरत पीस मील वर्कर्ज को अनुबंध पर लाया जाएगा। एचआरटीसी में ऐसे 989 वर्कर्ज हैं और खाली 633 पदों पर इनकी तैनाती होगी। शनिवार को शिमला में परिवहन मंत्री विक्रम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित एचआरटीसी बीओडी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक के बाद विक्रम सिंह ने प्रेस वार्ता में ये घोषणा की है। कि प्राथमिक चरण में रिक्त पदों पर अनुभव रखने वाले पीसमील कर्मी को अनुबंध पर रखा जाएगा।
वहीं सितंबर 2022 तक सभी पीसमील कर्मी अनुबंध पर ले लिए जाएंगे। परिवहन मंत्री बिक्रम ङ्क्षसह ठाकुर ने बताया कि निदेशक मंडल की बैठक में एच.आर.टी.सी के 989 पीसमील को अनुबंध पर लेने का लिया निणर्य है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक चरण में निगम में रिक्त पदों के अनुसार पीसमील कर्मचारियों को अनुबंध पर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में 5 साल सेवाएं दे चुके व और नॉन आईटीआई व 6 साल तक सेवाएं दे चुके को अनुबंध पर लिया लिया जा रहा है।
निगम के पास 1 दिस बर तक में प्रदेश भर में 663 पद खाली हैं और निगम में 755 पीसमील कर्मी की पात्रता बनती है। 755 कर्मी में 663 को 1-12-2021 से अनुबंध पर लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य बचे हुए 92 व अन्य 69 कर्मचारियों को 31-3-2022 में 161 पद खाली होने पर अनुबंध पर लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य शेष बचे पीसमील कर्मचारियों को 30 सित बर 2022 तक अनुबंध पर ले लिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि निगम में करूणामूलक आधार पर मिलने वाले नौकरी यानी डयूटी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को 3 माह के बीच मिलेगी नौकरी मिलेगी। इन आश्रितों को क्लास-3 व क्लास-4 के पदों पर लगाया जाएगा। यदि पद खाली भी नहीं हुए तो पद निकाले जाएंगे और आश्रितों को नौकरी दी जाएगी।
बिक्रम सिंह ने कहा कि कोरोना काल के समय परिवहन निगम को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। निगम को उस दौरान 840 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निगम को 940 करोड़ रुपए का अनुदान भी दिया है और इससे निगम के कर्मियों को वेतन आदि दिया गया है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि निगम के बेड़े में दो वर्षों में 505 बसें जुड़ेंगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में निगम में 205 बसें और शामिल की जाएगी। इनमें वॉल्वो, छोटी और बड़ी बसें शामिल हैं। वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 में बेड़े में 300 बसें शामिल की जाएगी। उन्होंने कहा कि और इलेक्ट्रिक बसें भी निगम द्वारा खरीदी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन बसों की खरीद पर कुल 198 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।