संगड़ाह, 18 दिसंबर : प्रदेश सरकार गिरी नदी पर करीब 7 हजार करोड़ की लागत से बनने वाली राष्ट्रीय महत्व की रेणुकाजी बांध परियोजना का ऑनलाइन शिलान्यास करवाने की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पहचान पत्र व मुआवजे का ब्यौरा दिए जाने आदि मांगों को लेकर विस्थापित होने वाले किसानों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। शनिवार को रेणुकाजी बांध प्रबंधन कार्यालय परिसर में जैसे ही एचपीपीसीएल का 15वां स्थापना दिवस समारोह शुरू हुआ, प्रदर्शनकारी आयोजन स्थल पर आ धमके।
इस दौरान प्रदर्शन कर रहे संघर्ष समिति के नेताओं व आयोजन स्थल पर मौजूद पुलिस कर्मियों तथा बांध प्रबंधन के अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और कार्यक्रम बंद होने के बाद ददाहू बाजार में भी रैली निकाली। प्रधानमंत्री द्वारा परियोजना के शिलान्यास की खबरें आने के बाद बांध से डूबने वाले सबसे बड़े उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले गांव सींऊ में गुरुवार को आयोजित रेणुका बांध विस्थापित जन संघर्ष समिति की आपातकालीन बैठक में इस विरोध प्रदर्शन का निर्माण किया गया था।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे संघर्ष समिति अध्यक्ष योगेंद्र कपिला, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एंव संयोजक प्रताप तोमर व सहसंयोजक पूर्ण चंद शर्मा आदि ने कहा की, वह पिछले 14 वर्षों से बांध प्रबंधन एवं सरकार के समक्ष लगातार अपनी समस्याओं को रख रहे हैं, मगर इस पर गौर नहीं किया जा रहा है। बांध प्रबंधन के समक्ष संघर्ष समिति द्वारा गत माह हिमाचल के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी से परियोजना के विस्थापितों को पहचान पत्र देने व पैरा 55 के तहत उन्हे जारी किए गए मुआवजे का विवरण देने की मांग की गई थी, जिसे पूरा नहीं किया गया है।
मात्र 40 मेगावॉट की इस परियोजना का काम शुरू होने से पहले इस पर अब तक करीब 700 करोड़ खर्च हो चुके हैं, जिसमे से 400 करोड़ से ज्यादा 1142 विस्थापित परिवारों को मुआवजे के रूप में जारी हुए। रेणुकाजी बांध के महाप्रबंधक रूप लाल ने बताया कि, विस्थापितों की सभी मांगों व समस्याओं के प्रति प्रबंधन सजग है और बांध निर्माण से पहले ही सभी जायज मांगों को पूरा किया जाएगा। उन्होने कहा कि, पैरा 55 के तहत विस्थापितों को जारी रकम का विवरण तथा उनके एमआरएफ पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया जारी है।
महाप्रबंधक ने बताया कि 27 दिसंबर को भारत के प्रधानमंत्री से इस परियोजना का शिलान्यास करवाने की तैयारियां जारी है, हालांकि अभी कार्यक्रम को अधिकारिक मंजूरी मिलना शेष है।