शिमला, 16 दिसम्बर : हिमाचल प्रदेश में गत लगभग चार वर्षों में प्रदेश में लगभग 1.54 लाख किसान परिवारों ने 9200 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती को अपनाया है। इस वर्ष इस योजना के तहत 1.50 लाख किसानों को जोड़कर 12000 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत लाने का लक्ष्य रखा गया है।
ये जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरवार को शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में अपने पहले ही बजट में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना आरम्भ की तथा इस योजना के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती की आधार भारतीय नस्ल की गाय की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान, अधिकतम 25000 तक तथा पांच हजार रुपये यातायात शुल्क के तौर पर दे रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अन्तर्गत विगत साढ़े तीन वर्षों में लगभग 46.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
इससे पहले जयराम ठाकुर ने प्राकृतिक खेती पर गुजरात के सरदार पटेल सभागार, अमूल, आनंद में आयोजित राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में वर्चुअली भाग लिया। इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर किसानों का आहवान किया कि वे अपनी कृषि पैदावार को बढ़ाने तथा अपनी आय को दोगुना करने के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाएं। उन्होंने कहा कि यद्यपि देश की हरितक्रान्ति में उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका को नकारा नहीं जा सकता, परन्तु कीटनाशकों तथा आयातीत उर्वरकों से स्वास्थ्य को हो रहे नुकसान एवं बढ़ती लागत के लिए यह अनिर्वाय है कि किसान कोई वैकल्पिक तकनीक अपनाए।