शिमला,15 दिसंबर: हिमाचल की बद्दी पुलिस द्वारा शुरू की गई ‘तीसरी आंख’ मुहिम को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस में रजत पुरस्कार हासिल हुआ है। हरियाणा व पंजाब की सीमा पर औद्योगिक नगरी में बेहतर निगरानी के मकसद से पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछा दिया। गृह मंत्रालय ने इस पुरस्कार से हिमाचल पुलिस को नवाजा है। डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि ये बड़ी उपलब्धि है। डीजीपी ने कहा कि इलाके में करीब 5,000 औद्योगिक इकाइयां है। इस कारण संगीन अपराधों की आशंका रहती है।
डीजीपी ने बद्दी के तत्कालीन एसपी रोहित मालपानी को योजना के सही तरीके के क्रियान्वित करने पर बधाई भी दी है। दीगर है कि सिरमौर में एसपी के पद पर रहते हुए भी आईपीएस रोहित मालपानी ने पांवटा साहिब व नाहन में भी सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाने के भरसक प्रयास किये थे। इसके लिए नगर परिषदों से भी संवाद स्थापित किया गया था।
डीजीपी ने कहा कि इस योजना को प्रदेश के बाकी शहरों में भी लागू किया जाएगा। ‘तीसरी आंख’ योजना के अंतर्गत बद्दी पुलिस जिला में 2,038 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इन में से 1,845 पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट मॉडल) के तहत 2.45 करोड़ रुपये की लागत से लगाए गए थे।
योजना सुचारू रूप से चलाने के लिए 24X7 विंग का भी गठन किया गया। कैमरों को गूगल मैप के साथ जियो-टैग भी किया गया ताकि वाहनों पर कैमरों से निगरानी की जा सके। आंकड़ों के मुताबिक योजना की वजह से बद्दी क्षेत्र में लूटपाट के मामलों में 2020 में 2018 के मुकाबले 37 प्रतिशत की कमी आई। जबकि चोरी की वारदातों में भी रिकवरी रेट बढ़ गया। 2018 में रिकवरी रेट 21.84 था जो 2020 में बढ़कर 77.10 पर पहुंच गया।