धर्मशाला,13 दिसंबर : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी सदन में पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सदन में नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव पेश किया। इसमें करुणामूलक आश्रितों व मल्टी टास्क वर्कर की भर्तियों को लेकर चर्चा की मांग की गई। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद विपक्ष ने सदन के बीच में नारेबाजी शुरू कर वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष ने सरकार पर चहेतों को चोर दरवाजे से नौकरियां देने के आरोप लगाए। साथ ही मुख्यमंत्री के सदन में न होने पर भी हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा कि करुणामूलक आश्रित अनशन पर बेठे है। सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। वहीं चोर दरवाजे से मुख्यमंत्री पांच हजार पद भर रहे हैं। हिमाचल में बेरोजगरी का आंकड़ा 14 लाख पहुंच गया है, सरकार अपने चहेतों को ही नौकरी देने में लगी है। वही पुलिस के जवानो की भावनाओ के साथ भी सरकार खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार में न्याय के बारे में सोच भी नही सकते हैं। मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के साथ देवी-देवताओं को मनाने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। विधानसभा के सत्र को बीच मे छोड़ कर ऐसी क्या मजबूरी थी कि उन्हें जाना पड़ा और इसके बारे में सदन में जानकारी तक नही दी गई।