कांगड़ा/आशीष शर्मा : शनिवार शाम लांस नायक शहीद विवेक कुमार पंचतत्व में विलीन होकर अनंत यात्रा पर निकल गए। जससिंहपुर उपमंडल में शहीद के पैतृक गांव सहित समूचा हिमाचल शहीद बेटे की शहादत पर फक्र महसूस कर रहा था, लेकिन मां व पत्नी के आंसुओं का सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा था। घर पर पार्थिव देह के पहुंचते ही शहीद की पत्नी ने शादी के जोड़े में पति को अंतिम प्रणाम किया तो ये मंजर मौजूद भीड़ की आंखों को नम कर गया।
मां आशा देवी बार-बार यही कहती रही, मैंने भारत मां को दीता पुतर। यदि देश में ऐसी विरांगनाएं मौजूद हैं तो निश्चित तौर पर देश की तरफ देखने की हिम्मत नहीं कर सकता। घर का इकलौता कमाने वाला बेटा भले ही खो दिया हो, मगर मां के आंखों के सैलाब के बीच जवान बेटे की शहादत पर एक गर्व भी तैर रहा था। पत्नी प्रियंका भी गर्व महसूस कर रही थी, लेकिन गोद में 6 महीने के बेटे के भविष्य को लेकर चिंतित भी थी। उधर पिता रमेश चंद को भी बेटे की शहादत पर गर्व है।
पैरा कमांडो पति विवेक कुमार बचपन से ही मां भारती की रक्षा का जज्बा लिए था। यही कारण था कि 2012 में सेना में भर्ती होने के बाद पैरा कमांडो बना। काबिलियत का पता इसी बात से लगता है कि देश के चीफ डिफेंस स्टाफ का निजी सुरक्षा अधिकारी था। ये, नियुक्ति भी लांस नायक को असामान्य काबिलियत के बूते ही मिली थी।
शनिवार देर दोपहर गग्गल एयरपोर्ट पर शहीद की पार्थिव देह को विशेष विमान से लाया गया। यहां, खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व सैन्य अधिकारियों ने पहुंच कर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। पूरी कांगड़ा घाटी अपने होनहार बेटे की शहादत पर गमगीन हो उठी थी। इसका दर्द कांगड़ा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे हिमाचल ही नहीं, देश के अन्य हिस्सों तक भी महसूस किया जा रहा था।
सरकार से उम्मीद…
लांस नायक व पैरा कमांडो विवेक कुमार परिवार का इकलौता कमाने वाला सहारा था। छोटा भाई भी बेरोजगार है। पिता बेलदार हैं। 6 माह के बेटे का भी भविष्य है। ऐसे में सरकार से उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द परिवार को नौकरी दी जाएगी। शहीद विवेक कुमार के परिवार को केंद्र से भी मदद मिलने की आस है।