हमीरपुर, 11 दिसंबर : जिस पेयजल टैंक में बंदर नहा रहे हैं, लोग उसी पानी को पीने को मजबूर है। पंचायत उपप्रधान ने जब मामला उठाया तो उसे ही जलील करने को पंचायत का एक गुट उतारू हो गया। जल शक्ति विभाग ऊहल उपमंडल के तहत बंदरोह गांव में बने टैंक की हालत ऐसी है कि सच्चाई को लाख कोशिश करने भी झुठलाया नहीं जा सकता। लोग खुद मान रहे हैं कि पेयजल टैंक की छत पिछले 10 वर्ष से क्षतिग्रस्त है।
ग्राम पंचायत भटेड़ के उपप्रधान अनिल कुमार ने वीडियो जारी कर पेयजल टैंक की वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया है। उनके अनुसार विभाग की लापरवाही से गांव बंदरोह ग्राम पंचायत भटेड़ विकासखंड बमसन के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। टैंक मेंं बंदर नहाते हैं और पशु पक्षियों की गंदगी टैंक में गिरकर पेयजल को दूषित करती है।शिकायतों के बावजूद विभाग इस टैंक की छत को रिपेयर नहीं कर रहा है। अगर इस गंदे पानी के पीने से कोई बीमारी फैलती है तो इसके लिए जल शक्ति विभाग उतरदायी होगा। पंचायत उपप्रधान अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जन प्रतिनिधियों का फोन तक नहीं उठाते हैं।
इस बारे में जल शक्ति विभाग ऊहल सब डिवीजन के एसडीओ रविंद्र कुमार ने बताया कि टैंक क्षतिग्रस्त होने के कारण अब नया टैंक बनकर तैयार है। शीघ्र ही नए पेयजल टैंक से सप्लाई शुरू की जा रही है। उन्होंने माना कि टैंक की छत टूटी हुई है लेकिन इसे शीट से ढका हुआ है।