धर्मशाला, 10 दिसंबर : मध्य प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल में भी सवर्ण आयोग का गठन होगा। तपोवन में शीतकालीन सत्र में भाग लेने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सवर्ण आयोग के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है। इसे विधानसभा के आने वाले बजट सत्र में मंजूरी दी जाएगी। बता दें कि आज सवर्ण आयोग की मांग को लेकर धर्मशाला में जनसैलाब उमड़ पड़ा था। कई बार पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की खबरें आती रही।
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मुख्यमंत्री ने सवर्ण आयोग के गठन को लेकर बेहद ही संजीदगी दिखाने का प्रयास किया। इस दौरान ये भी कहा कि जैसे अनुसूचित जाति व ओबीसी इत्यादि के लिए अलग आयोग बने हैं, ठीक उसी तरह से सवर्ण आयोग भी गठित किया जा सकता है। करीब साढे 3 बजे के आसपास मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सवर्ण आयोग के गठन को लेकर बड़ी बात कही। इसके बाद ये बात सोशल मीडिया में आग की तरह फैली। सीएम ने ये भी कहा है कि मध्य प्रदेश की तर्ज पर सवर्ण आयोग के लिए एक्ट लाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सवर्ण आयोग के गठन की मांग लंबे अरसे से तूल पकड़ रही थी। करीब 800 किलोमीटर की पदयात्रा आज ही धर्मशाला में समाप्त हुई है। कुल मिलाकर ये तय है कि आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार समय रहते ही डैमेज कंट्रोल करना चाहती है। खास बात ये भी है कि कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा के पिछले सत्र में सवर्ण आयोग की मांग पर सरकार को विचार करने की सलाह दी थी।
इसके बाद सवर्ण आयोग की मांग पर डटे संगठनों का नेतृत्व कर रहे रूमित ठाकुर ने इसकी प्रशंसा भी की थी। मांग के समर्थन में पूरा हिमाचल बंद करने का भी आह्वान किया गया था। साथ ही धर्मशाला कूच करने को लेकर समर्थकों से रूमित ठाकुर ने अपील की थी।
उधर, मीडिया से बात करने से पहले मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने वक्तव्य में कहा कि सरकार ने ये निर्णय लिया है कि हिमाचल प्रदेश में सामान्य वर्ग आयोग का गठन किया जाएगा। इसकी अधिसूचना तत्काल जारी की जाएगी। सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शांतिपूर्ण माहौल व शांतिप्रिय लोगों के लिए देश ही नहीं, अपितु विदेश में भी प्रसिद्ध है। लिहाजा, वो आग्रह करते हैं कि ऐसा कोई भी कार्य न करें, जिससे प्रदेश की छपि धूमिल हो। सीएम ने कहा कि सरकार समाज के हरेक वर्ग के आर्थिक व सामाजिक उत्थान के प्रति वचनबद्ध है।