रोनहाट, 10 दिसंबर : सरकार के बेहतर गुणवत्ता वाली शिक्षा व्यवस्था के दावों की पोल खोलती ये तस्वीरें नागरिक उपमंडल शिलाई के राजकीय महाविद्यालय रोनहाट से सामने आ रही है। जहां शिक्षा ग्रहण कर रहे सैकड़ों विद्यार्थियों को छत पर बैठ कर परीक्षा देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
दरअसल, वर्ष 2017 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सिरमौर जिला के अति दुर्गम और पिछड़े क्षेत्र के विद्यार्थियों को घर द्वार पर उच्च शिक्षा प्रदान करने के मकसद से रोनहाट में सरकारी कॉलेज की सौगात दी गई थी। जिसके बाद सरकार द्वारा 2 कमरों के एक सरकारी भवन में अस्थाई तौर से कॉलेज की कक्षाएं शुरू कारवाई गई थी। कॉलेज को खुले अब करीब 5 वर्ष का समय गुजर चुका है, मगर कॉलेज भवन के निर्माण का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
मजबूरन कॉलेज के सैकड़ों विद्यार्थियों को खुले आसमान के नीचे छत पर बैठकर उच्च शिक्षा के सपनों को पूरा करना पड़ रहा हैं। वर्तमान में राजकीय महाविद्यालय में कुल 171 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है, जिनमें से 99 विद्यार्थी वो लड़कियां है, जिन्हे ग्रामीण परिवेश के अभिभावक आर्थिक तंगी और अन्य मजबूरीयों के कारण बड़े शहरों में पढ़ाई करने को भेजने में असमर्थ थे। रोनहाट में सरकार अगर कॉलेज नहीं खोलती, तो इनमें से अधिकांश लड़कियों के उच्च शिक्षा का सपना शायद कभी पूरा नहीं हो सकता था। ऐसे में दुर्गम क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए ये कॉलेज किसी वरदान से कम नहीं है।
मगर कॉलेज भवन और कॉलेज स्टाफ की कमी इन विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा अभिशाप बना हुआ हैं। शायद पूरे प्रदेश में रोनहाट का कॉलेज पहला ऐसा महाविद्यालय है जो महज 2 कमरों के एक अस्थाई भवन में चल रहा है और जिसकी हालात प्राथमिक पाठशाला से भी बदतर है।
आपको बताते चलें की व्यवस्थाओं और सुविधाओं के अभाव के चलते अब तक दर्जनों विद्यार्थी माइग्रेशन करवा चुके है, जबकि बीते पांच वर्षों में इसी कॉलेज से करीब 50 विद्यार्थी अपनी ग्रेजुएशन भी पूरी कर चुके है। कॉलेज में इतिहास, अंग्रेजी, हिंदी और वाणिज्य विषय के प्राचार्य और प्रधानाचार्य सहित टीचिंग स्टाफ के कुल 5 पद खाली पड़े हुए है, जबकि नॉन टीचिंग स्टाफ में सुपरिटेंडेंट, सीनियर असिस्टेंट, लाइब्रेरियन और जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के कुल 4 पद खाली पड़े हुए है।
वर्तमान में 2 प्राचार्य, 1 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट और 5 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा पूरे कॉलेज का जिम्मा उठाया जा रहा है। इसके अलावा अन्य 9 पद वर्षों से खाली चल रहे है।
उधर, राजकीय महाविद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य नरेंद्र शर्मा ने कॉलेज में रिक्त चल रहे स्टाफ के विभिन्न पदों की पुष्टि करते हुए बताया कि समय-समय पर रिक्त पदों और कॉलेज भवन की समस्या को लेकर उच्चाधिकारियों को लिखा जाता है, उन्हें उम्मीद है कि सरकार द्वारा जल्द स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा और भवन की कमी का भी समाधान मुहैया करवाया जाएगा।
स्थानीय विधायक और पूर्व विधायक को नहीं देश के भविष्य की फ़िक्र…हालात न सुधरे तो काले झंडे दिखाकर पहनाई जाएगी जूतों की माला
दो कमरों में चल रहे इस सरकारी महाविद्यालय की हालत पक्ष और विपक्ष किसी भी राजनीतिक दल और उनके स्थानीय नेताओं से छुपी नहीं हैं। मगर देश के भविष्य को गुणात्मक शिक्षा दिलवाने के लिए किसी के पास भी समय नहीं है। जाती राम, जांगली राम, ज्ञान चौहान, अमर सिंह, आत्मा राम, जवाहर सिंह, हिमांशु चौहान, प्रताप सिंह, कमलेन्द्र कुमार, बलि राम, विनय कुमार, जितेंद्र शर्मा, टीआर धामटा, रुकमणी देवी, वीर सिंह, मूरतों देवी, नारायण सिंह, हुकम चंद आदि स्थानीय लोगों का कहना है कि शिलाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक हर्ष वर्धन चौहान विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश के अन्य इलाकों की समस्याओ को सदन में उठाते है।
मगर रोनहाट कॉलेज में सरकार की अनदेखी के चलते सैकड़ों विद्यार्थियों को हो रही परेशानियों की बात करने में उनके मुंह में दहीं जम जाती है। 2017 के चुनावी वर्ष में हर्षवर्धन चौहान द्वारा तत्कालीन कांग्रेस सरकार में कॉलेज भवन का शिलान्यास करवाया गया था। मगर शिलान्यास पट्टिका में नाम लिखवाने के बाद भवन निर्माण का कार्य शुरू करवाने की अपनी जिम्मेदारी शायद वो भूल गए है।
दूसरी तरफ शिलाई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बेहद करीबी तथा वर्तमान में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव सिंह तोमर को भी रोनहाट कॉलेज में भवन और स्टाफ की कमी की बात करने में सांप सूंघ जाता है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के समय रोनहाट में सरकारी कॉलेज खोलने की मांग को लेकर आमरण अनशन और धरने पर बैठने वाले भाजपा नेता बलदेव सिंह तोमर आज अपनी ही सरकार में देश के भविष्य को उनका हक दिलवाने में नकारा साबित हो रहे है।
लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सरकार से आग्रह किया है कि कॉलेज में पड़ रहे उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था मुहैया करवाने के लिए भवन का निर्माण कार्य शुरू करवाया जाए और स्टाफ की कमी को जल्द से जल्द भर दिया जाए। 31 दिसम्बर तक अगर इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया, तो विधायक और पूर्व विधायक दोनों को लाधी महल क्षेत्र के प्रवास के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा काले झंडे दिखाए जाएंगे और जूतों की माला पहनाई जाएगी।