शिमला,7 दिसंबर : आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए है। इसके माध्यम से सेवारत (In Service) सैन्य कर्मियों के लिए उच्च शिक्षा(Higher Education) और कौशल कार्यक्रम का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा। हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षिक संस्थान नियामक आयोग (HP-PERC) के तत्वावधान में शूलिनी विश्वविद्यालय, चितकारा विश्वविद्यालय, महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, इटरनल विश्वविद्यालय, करियर प्वाइंट विश्वविद्यालय और जेपी विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
एआरटीआरएसी (ARTRAC) के चीफ ऑफ स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधू (Lt. Gen. JS Sandhu) ने सेना की तरफ से समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। समारोह में हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षिक संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक (सेवानिवृत्त) मौजूद थे।
विश्वविद्यालयों की तरफ से समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने वालों में विशाल आनंद (शूलिनी विश्वविद्यालय), प्रोफेसर वीरेंद्र एस कंवर (चितकारा विश्वविद्यालय), प्रोफेसर राजेंद्र कुमार शर्मा (जेपी विश्वविद्यालय), डॉ देवेंद्र सिंह (एटरनल विश्वविद्यालय), प्रोफेसर करतार सिंह वर्मा ( करियर पॉइंट यूनिवर्सिटी) और सुरेश गुप्ता (महाराजा अग्रसेन यूनिवर्सिटी) शामिल थे।
जनरल संधू ने निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और प्रबंधन को धन्यवाद किया साथ ही कहा कि इसका परिणाम प्रस्तावों के कार्यान्वयन पर निर्भर करेगा। उन्होंने योजना को सफल बनाने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। समझौता ज्ञापन सेना और निजी विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग की गुंजाइश प्रदान करेगा। संस्थानों द्वारा ऑन-कैंपस और ऑफ-कैंपस कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में चलाए जा रहे शैक्षिक कार्यक्रमों और इन विश्वविद्यालयों द्वारा वर्तमान में किए गए अनुसंधान और नवाचार पर सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और सुविधा प्रदान करने के प्रयास शामिल हैं।
समझौता ज्ञापन बुनियादी और अनुप्रयुक्त विज्ञान, भौतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान में पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान और नवाचार भी प्रदान करेगा। उदाहरण के लिए, शूलिनी विश्वविद्यालय ने कंप्यूटर साइंस, नैनो टेक्नोलॉजी, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज और लिबरल आर्ट्स जैसे विविध विषयों में सैन्य अधिकारियों की सेवा के लिए 50 से अधिक पीएचडी सीटों की पेशकश की है।
मेजर जनरल अतुल कौशिक ने कहा कि सेना और निजी विश्वविद्यालयों के बीच अग्रणी समझौता एक नया कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह पहल उन सेवारत अधिकारियों के लिए उपयोगी साबित होगी जो सेवानिवृत्ति के बाद भी इसका लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि समझौते अनुसंधान और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सेना और शिक्षाविदों के बीच तालमेल को उत्प्रेरित करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण साबित होगा। छह विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे सेवारत सैन्य अधिकारियों के साथ जुड़ने की उम्मीद कर रहे हैं।