शिमला, 5 दिसंबर : कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से प्रदेश में निजी व सरकारी बैंकों में सरकारी जमा राशि पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। पार्टी ने सरकार से सवाल किया है कि प्रदेश सरकार ने निजी बैको में अपना कितना धन जमा कर रखा है और सरकारी बैंकों में कितना जमा किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आरोप लगाया कि सरकार प्रदेश में निजी बैंकों को बढ़ावा देते हुए सरकारी बैंकों की घोर उपेक्षा कर रही है तथा अधिकतर सरकारी लेनदेन निजी बैंकों से किया जा रहा है।
शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए राठौर ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तावित बैंकिंग लॉज अमेंडमेंट बिल 2021 के किसी भी प्रस्ताव पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि इसका देश की सरकारी बैंकिंग व्यवस्था पर बहुत बुरा कुप्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का प्रस्ताव देश में बैंकों के निजीकरण को बढ़ावा देते हुए पूंजीपतियों को लाभ देने का एक बड़ा षडयंत्र है।
राठौर ने प्रस्तावित बिल पर केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ जनमत खड़ा करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बैकों की यूनाइटेड फॉर्म ऑफ बैंक यूनियन के साथ खड़ी है और उन्हें इसके विरोध में अपना पूरा जन समर्थन देगी। इस संदर्भ में बैंकों का एक प्रतिनिधिमंडल आज उनसे मिला और उन्होंने इस बिल को लेकर अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत करवाया।
राठौर ने कहा कि देश के विकास में इन राष्ट्रीयकृत बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने 19 जुलाई 1969 को 14 कमर्शियल बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर इनको सरकार के अधीन किया था। तब से आज तक यह बैंक देश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहें है। उन्होंने कहा कि जब विश्व में मंदी का दौर आया तो भी भारत देश में इन बैंकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश की अर्थव्यवस्था को डांवाडोल नही होने दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं पर भी यही बैंक अपनी उदारता से लोगों को ऋण देते है।
राठौर ने कहा जब देश आजाद हुआ तब देश में मिश्रित अर्थव्यवस्था के चलते सभी की भागीदारी सुनिश्चित की गई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल के 70 सालों में देश में जो उपक्रम बनाये आज मोदी एक एक कर उन्हें बेच रहे है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपनी सोची समझी रणनीति के तहत लाभकारी उपक्रमों को अपने कुछ पूंजीपतियों को बेच रही है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार बड़े पूंजीपतियों के ऋण तो माफ कर रही है पर किसानों और छोटे कारोबारियों को कोई भी राहत नही देती।उन्होंने कहा कि बैको में जमा राशि पर ब्याज दरें कम करना भी लोगों के साथ अन्याय है।