चंबा, 4 दिसंबर : हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र पांगी के आंगनबाड़ी केंद्रों में एक्सपायरी डेट के राजमाह आबंटित होने का मामला सतह पर आया है। इस कारण हडंकप भी मचा हुआ है। सवाल, ये उठता है कि क्या रिमोट इलाके में जानबूझ कर ऐसा किया गया, ताकि खराब खेप को ठिकाने लगाया जा सके। बहरहाल, महिला एवं बाल विकास विभाग ने जांच बिठा दी है। चूंकि मुख्यालय से इलाके की दूरी काफी है, साथ ही बर्फबारी का दौर भी शुरू हो चुका है, लिहाजा वीडियो काॅन्फ्रैसिंग के जरिए पूछताछ की जा रही है।
हैरान कर देने वाली बात ये है कि राजमाह की ये खेप नौनिहालों को परोसी जानी थी। गनीमत इस बात की रही कि लोगों ने जागरूकता के चलते पैकेट पर अंकित तिथि की जांच कर ली। इसके बाद मामला प्रशासन के संज्ञान में लाया गया। बता दें कि जनजातीय क्षेत्र पांगी के लिए पोषाहार का अग्रिम कोटा दिया जाता है। अब विभाग के सामने ये भी सवाल है कि इतना पुराना स्टाॅक कैसे बचा हुआ था। फरवरी 2020 में इन पैकेटस की पैकिंग हुई है।
ये तय है कि अगर नौनिहाल इसका सेवन करते तो उनके स्वास्थ्य के दुष्परिणाम सामने आ सकते थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर भी गाज गिर सकती है। चंबा के जिला कार्यक्रम अधिकारी वीके शर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, इसको लेकर जांच की जा रही है। ये भी पता लगाया जा रहा है कि आखिर ये पैकेट इतनी देरी से क्यों वितरित किए गए।