शिमला, 28 नवंबर: ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (KBC) शो में धमाल मचाने वाला 9 साल का अरुणोदय शर्मा (Arunoday Sharma) को लेकर प्रशंसकों में मासूम चेहरे (innocent face) को लेकर सवालों के घुमेर उठ रहे हैं। हर कोई ये सोच रहा है, ऐसी विलक्षण प्रतिभा (Exceptional talent) नन्हें बच्चे में कैसे हो सकती है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क (MBM News Network) से रविवार शाम अरुणोदय शर्मा की करीब 25 मिनट लंबी बातचीत हुई। वास्तव में ही सवालों के जवाब हैरान (astonished) कर देने वाले थे।
एमबीएम न्यूज के प्रतिनिधि ने साक्षात्कार शुरू होने से पहले जब अरुणोदय को अपना परिचय (Introduction) दिया तो सात बार नाम को शालीनता से रिपीट कर लाजमी तौर पर अपने जहन में स्थाई तौर पर बिठा लिया। ऐसा भी प्रतीत हुआ कि वो जो बात एक बार सुनता या फिर महसूस करता है, वो हमेशा के लिए उसके जहन में बस जाती है।
बातचीत की शुरुआत से पहले अरुणोदय ने एक सवाल पत्रकार (Journalist) पर भी दागा….आपका पहला सवाल क्या होगा। आप पूछते रहना, मैं जवाब देता रहूंगा।
बेशक ही सवालों की लंबी फेहरिस्त (long list) में अरुणोदय ने प्रश्नों के जवाब तपाक से अपनी सूझबूझ के आधार पर एक सैकेंड सोचे बिना ही दे डाले। मगर ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में जीती राशि का वो क्या करेंगे, इसका जवाब तो हैरान कर देने वाला था।
बातचीत में अरुणोदय ने इस बात का भी खुलासा किया कि वो क्यों डॉक्टर या फिर राजनीतिज्ञ नहीं बनना चाहते। यही नहीं, इस नन्हीं सी उम्र में अरुणोदय शर्मा ये भी चाहते हैं कि पर्यटन (Tourism) की दृष्टि से हिमाचल समूचे देश में अग्रणी बने। वो ये भी कहते हैं कि हरेक बच्चा भाग्यवान (lucky) होता है। बशर्ते वो अपनी छठी इंद्री (sixth sense) को महसूस करे।
चलिए, आपके सवालों की जिज्ञासा को दूर करते हैं, ये है बातचीत के अंश….
रिपोर्टर : क्या आप महसूस कर पा रहे हैं, देश-विदेश में आपके करोड़ों फैन हो चुके हैं?
अरुणोदय : मैं खुश हूं। मम्मी-पापा ने मुझे बताया कि वीडियोज कितने मिलियन व्यूज हो रहे हैं। मुझे प्यार, स्नेह व आशीर्वाद देने पर सबका धन्यवाद करना चाहता हूं।
रिपोर्टर : एक दिसंबर से परीक्षा शुरू हो रही है, तैयारी कैसी है?
अरुणोदय : हां जी। बढ़िया तैयारी है। मीडिया साक्षात्कार (media interview) से अच्छा अनुभव मिल रहा है। समय निकाल कर पढ़ाई कर लेता हूं। आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है। बीच-बीच में अगर थोडा भी ध्यान से पढ़ लें तो टॉप कर सकते हैं।
रिपोर्टर : हिमाचल का रॉक स्टार बनने के बाद कैसा महसूस हो रहा है?
अरुणोदय: मुस्कुराते हुए, मेरा बचपन से सपना है….पर्यटन की दृष्टि से मेरा हिमाचल पूरे देश में सबसे अग्रणी हो जाए।
रिपोर्टर : राजनीतिज्ञ व डॉक्टर क्यों नहीं बनना चाहते?
अरुणोदय : मुझे लगता है, डॉक्टर व राजनीतिज्ञ बनकर आपको अपने परिवार से दूर रहना पड़ सकता है। एक तरह से आपको दूसरे घर में जीवन बिताना पड़ता है। मैं ऐसा प्रोफेशन चुनना चाहता हूं, जिससे अपने मम्मी-पापा के साथ ही रहूं। हां, गायक बनकर ये हो सकता है कि साल में एक-दो बार ही घर से दूर जाना पड़े।
रिपोर्टर : सब ये समझ रहे हैं, आप में किसी बुद्धिजीवी (spirit of the intellectual) की आत्मा निवास कर रही है?
अरुणोदय : मैं मानता हूं कि पैदाइश के साथ ही हर व्यक्ति में छठी इन्द्री होती है। किसी में टैलेंट की होती है तो किसी में कुछ ओर। मैं मानता हूं कि मुझ में जो छठी इन्द्री है, वो बुजुर्गों की तरह सोचती है, इस वजह से मैं ऐसा हूं। मैं बूढ़े लोगों वाले विचार रखता हूं और भविष्य के बारे में सोचता हूं।
रिपोर्टर : अगर आपको फिल्मों में काम करने का ऑफर मिला तो क्या करोगे, किस तरह का किरदार (character) निभाना चाहेंगे?
अरुणोदय : फिल्म तो कर लूंगा, पर इसके कुछ मायने होने चाहिए। मसलन अहिल्याबाई, चंद्रगुप्त मौर्य, झांसी की रानी पर बनने वाली फिल्मों भूमिका निभा सकता हूं। ऐसी फिल्म कतई नहीं करना चाहता, जिसके कोई मायने न हों। ऐसी फिल्म में भूमिका करना चाहूंगा, जिसे देखकर इतिहास से जुड़े ज्ञान की वृद्धि हो।
रिपोर्टर : ये कैसे पता चला था कि अरुणोदय का मतलब सूर्य उदय से पहले वाली लालिमा (pre-sunrise redness) होती है?
अरुणोदय : ऐसा था, जब मैं बहुत छोटा बच्चा था तो लोगों को मेरे नाम का मतलब ही समझ नहीं आता था। जब मैं दो-तीन साल का था तो मेरे मम्मी-पापा ने नाम का मतलब बताया था।
रिपोर्टर : वैसे तो आपका भाई आपका सबसे अच्छा दोस्त होगा, लेकिन स्कूल में सबसे गहरा दोस्त कौन है?
अरुणोदय : दिवांश मेरा सबसे अच्छा फ्रेंड है। वो भी मेरी तरह सीधा-सादा, मस्ती न करने वाला है। भविष्य को लेकर वो भी बहुत संवेदनशील (Sensitive) है। उसी से मेरा कांटेक्ट होता है।
रिपोर्टर: क्या स्कूल से बंक भी कर लेते हैं, मम्मी-पापा से भी स्कूल न जाने को लेकर बहाना बनाते हैं? अरुणोदय : नो, नैवर। स्कूल में हाजिरी को लेकर लगातार चार साल से पहला अवार्ड ले रहा हूं। बीमार होने पर भी दवा लेकर स्कूल जाता हूं। अगर मम्मी-पापा कहते हैं कि आपकी तबीयत ठीक नहीं है, स्कूल नहीं जाओगे, तब रुक जाता हूं।
रिपोर्टर : केबीसी में मिलने वाली राशि को कैसे खर्च करना चाहेंगे?
अरुणोदय : आपको पता है कि ये राशि मुझे 9 साल बाद मिलेगी। मैं चाहता हूं कि इस राशि को ऐसे अस्पताल या फिर दवा उत्पादन पर खर्च करूं, जिससे मेरे भाई अभिउदय का इलाज हो सके। साथ ही ये भी सोचता हूं कि शायद 9 साल बाद ऐसी दवा होगी, जिससे कोई भी बच्चा मेरे भाई जैसा नहीं रहेगा। मन करता है कि मेरा भाई जल्द ही ठीक हो जाए, ताकि मैं उसकी गोद में बैठ सकूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि लाइलाज बीमारी भी इलाज वाली बन जाए, ताकि मैं उसके साथ भाग दौड़ सकूं, बातें कर सकूं।
रिपोर्टर : मुंबई में शॉपिंग की थी?
अरुणोदय : नहीं, नहीं। आपको पता होता है कि आप सदी के महानायक से मिलने जा रहे हैं। आपको क्वारंटाइन (quarantine) रहना पड़ता है। पांच बार आरटीपीसीआर टैस्ट हुए। ऑफ कैमरा तो मास्क पहनना पड़ता है।
रिपोर्टर : मम्मी-पापा आपको घर पर बातूनी तो नहीं कहते?
अरुणोदय : आपको पता होगा, मेरा जवाब क्या होगा…हां। मम्मी-पापा के सामने मेरे हजारों सवाल। वो भी कहते हैं कि थोड़ा चुप हो जाओ, हमें भी आराम करने दो।
रिपोर्टर : एपिसोड के 29 नवंबर को दूसरे हिस्से का कितना इंतजार है?
अरुणोदय : अगर आपको मैं ये कहूं कि एक आम व्यक्ति को सदी के महानायक के साथ टीवी पर आना है, तो कैसा लगेगा। बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं कि मैं उनके साथ कैसा लग रहा हूं। बधाईयों की कॉल आएगी….हा-हा-हा।
रिपोर्टर : क्या लगता है, मम्मी-पापा को आप जैसा प्रतिभाशाली बेटा क्यों मिला होगा?
अरुणोदय :..हा-हा-हा। अगर मैं आपको सच बताऊं कि हरेक बच्चा प्रतिभाशाली होता है। निर्भर करता है कि माता-पिता कैसे संस्कार देते हैं। अगर गलत सिखाते हैं तो गलत ही सिखेगा। सही सीखने वाले बच्चे Blessed होते हैं। जहां जरूरत होती है, वहां माता-पिता को बच्चे को खुद फैसले लेने देने चाहिए।
रिपोर्टर : आपकी हमउम्र बच्चे मोबाइल में ही व्यस्त होने लगे हैं, क्या आप भी ऐसा करते हैं?
अरुणोदय : देखिए, ये 21वीं सदी है। अगर मैं अपनी बात बताऊं तो मेरे पास मोबाइल में एक गेम है और चार स्टडी एप्प हैं। मैं वो एप्प रखना चाहता हूं जो ज्ञान बढ़ाए। एक सोलर एप्प रखा है, इससे मुझे ब्राह्मड की पल-पल की जानकारी मिलती रहती है। ये मेरा पसंदीदा एप्प है।
रिपोर्टर : मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले बच्चों के लिए क्या संदेश है?
अरुणोदय : मैं ऐसा कभी नहीं कहता कि मोबाइल न इस्तेेमाल करें, ये डिजिटल इंडिया (Digital India) है। ऐसी गेम खेलो, जिससे आपका ज्ञानवर्द्धन (Enlightenment) हो। देखिए, तकनीक के पॉजिटिव व नैगेटिव पहलू होते हैं। अगर आप दिन मंे एक घंटा पॉजिटिव तरीके से मोबाइल देखते हो तो आपका ज्ञान बढ़ता है। आज के बच्चों को कहां याद रहा वो लट्टू व चैस की ट्रिक।