नाहन, 28 नवंबर : एसएफआई की सिरमौर कमेटी का 28वां सम्मेलन रविवार को आयोजित किया गया। इसमें 13 सदस्यीय कमेटी चुनी गई। इस दौरान अमित को अध्यक्ष व राहुल को उपाध्यक्ष चुना गया। सम्मेलन का उद्घाटन भाषण करते हुए भूतपूर्व एससीएए अध्यक्ष लाल सिंह ने देश में बढ़ रहे सांप्रदायिकता व शिक्षा के निजीकरण को लेकर विचार रखे।
लाल सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को शिक्षा पर बड़ा खतरा बताते हुए कहा है कि इससे देश में राष्ट्रीय शिक्षा का निजीकरण, व्यापारीकरण और सांप्रदायीकरण तेजी से बढ़ेगा व शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार न रहकर केवल व्यापार की वस्तु बन कर रह जायेगा। इसके पश्चात पिछले दो वर्ष की रिपोर्ट सम्मेलन में पेश की गई, जिसमें संगठन की उपलब्धियां भी प्रस्तुत की गई।
28वें जिला सम्मेलन में संगठन के राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने कहा कि जब से प्रदेश में बीजेपी सरकार सत्ता में आई है तब से छात्रों के मौलिक अधिकारों के हनन की कोशिश की जा रही है। महाविद्यालयों में अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। लगातार फीसों में वृद्धि हो रही है। पीटीए फ़ीस की आड़ में नाजायज वसूली हो रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आनन-फानन में छात्रों पर थोपा जा रहा है। जिससे प्रतीत होता है कि केंद्र और राज्य सरकार में शिक्षा के निजीकरण से छात्रों को शिक्षा से दूर करने की कोशिश कर रही है। इसी मुद्दे पर एसएफआई का राज्य सम्मेलन 4-5 दिसंबर को सोलन में होने जा रहा है, जिसमें सिरमौर का प्रतिनिधित्व मंडल भी हिस्सा लेगा।