नाहन, 26 नवंबर: तीन साल पहले शिलाई उपमंडल के बकरास में केदार सिंह जिंदान (Kedar Singh Jindan) की सनसनीखेज हत्या की वारदात में अदालत का फैसला आ गया है। इसमें तीन को दोषी पाया गया है। बता दें कि इस मामले ने प्रदेश में खासा तूल पकड़ा था।
सिरमौर के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने दलित नेता केदार सिंह की हत्या की वारदात में दोषी जयप्रकाश को आईपीसी की धारा 302 तथा एससी व एसटी एक्ट की धारा 3 (2) में आजीवन कारावास तथा एक लाख रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी को धारा 201 के तहत पांच वर्ष का कारावास तथा 25,000 रुपये जुर्माना अदा करने के आदेश भी अदालत ने दिए है। जुर्माना अदा न कर पाने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
वहीं, आरोपी गोपाल सिंह को IPC की धारा 302 तथा SC & ST एक्ट की धारा 3(2) (v) के तहत आजीवन कारावास तथा 50,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। तथा आईपीसी की धारा 201 के तहत पांच वर्ष का कारावास तथा 25000 रुपये जुर्माना अदा करना होगा। जुर्माना अदा न कर पाने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना में होगा।
आरोपी कर्म सिंह को आईपीसी की धारा 323 के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास तथा एक हज़ार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 325 के तहत तीन वर्ष का कारावास तथा 5000 रुपये जुर्माना अदा करना होगा। जुर्माना अदा न कर पाने की सूरत में एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। तथा धारा 201 के तहत एक वर्ष का कारावास तथा 5000 रुपये जुर्माना अदा करना होगा। जुर्माना अदा न करने की सूरत में एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।
जिला न्यायवादी के मुताबिक सात सितम्बर 2018 मृतक केदार सिंह जिंदान, रघुवीर सिंह व जगदीश बीआरसी दफ्तर से बाहर निकले। तो इसी दौरान दोषी पाए गए जय प्रकाश उप प्रधान ग्राम पंचायत बकरास, कर्म सिंह उर्फ काकू व गोपाल सिंह सड़क पर पहले से ही खड़े थे।
इसी दौरान जय प्रकाश व कर्म सिंह उर्फ काकू गाड़ी स्कार्पियो( एचपी 185-7300) से उतर कर नैन सिंह को मिले। दोनों ने नैन सिंह से हाथ मिलाया। बातचीत में नैन सिंह को ऐसा लगा कि केदार सिंह को मारने की योजना बनाई गई है। करीब 12 बजे दोपहर जब मृतक केदार सिंह जिंदान, रघुवीर सिंह व जगदीश चंद कार्यालय से बाहर निकले तो सड़क आरोपी जयप्रकाश ने मृतक केदार सिंह जिंदान को सड़क पर आने को लेकर आवाज़ लगाई।
मृतक केदार सिंह जिंदान नीचे सड़क पर चला गया। रघुवीर सिंह व जगदीश चंद भी बीआरसी दफ्तर के बाहर खड़े रहे। नीचे सड़क पर आरोपी जय प्रकाश की काले रंग की स्कार्पियो ( HP 85-7300) पहले से ही खड़ी थी। जैसे ही मृतक केदार सिंह जिंदान गाड़ी के नजदीक पहुंचा तो जय प्रकाश ने मृतक केदार सिंह जिंदान को गाड़ी के बोनट के पास चलने को कहा तो वहां आरोपी गोपाल सिंह व कर्म सिंह उर्फ काकू भी खड़े हो गए। तीनो में बहस शुरू हो गई। इसी दौरान तीनो आरोपियों ने स्कार्पियो से डंडे निकालकर केदार सिंह जिंदान से मारपीट शुरू कर दी। इस मारपीट में मृतक केदार सिंह सड़क पर गिर गया। जब वह उठने की कोशिश कर रहा था तो आरोपी जयप्रकाश एक लोहा का गाडर उठा कर लाया तथा मृतक केदार सिंह जिंदान के सिर पर 4/5 बार वार किया, फिर आरोपी जयप्रकाश गाड़ी को स्टार्ट किया।
आरोपी कर्म सिंह उर्फ काकू व गोपाल सिंह ने मृतक केदार सिंह जिंदान को उठाकर गाड़ी के आगे सड़क पर रखा व आरोपी जय प्रकाश ने एक बार स्कॉर्पियो (Scorpio )को से मृतक केदार सिंह जिंदान के शरीर के ऊपर से आगे, फिर पीछे किया। इसके गाड़ी को शरीर के ऊपर से सीधा आगे ले जाकर मृतक के शरीर से करीब 160 फुट आगे खड़ा कर दिया। उसके उपरांत उसने गाड़ी की बाई साइड के पिछले टायर के ब्रेक आयल पाइप को तोड़ दिया ताकि पुलिस को संशय बने कि यह हत्या नहीं अपितु सड़क दुर्घटना (Accident) हुई है।
इस दौरान आरोपी जयप्रकाश गाड़ी से उतरा तो कर्म सिंह उर्फ काकू व गोपाल सिंह ने आरोपी जय प्रकाश को बताया कि जगदीश ऊपर से देख रहा है। इसके बाद आरोपी जयप्रकाश ने ऊपर जगदीश को देख कर कहा कि “तू क्या देख रहा है, शाम तक तेरा भी यही हाल करेंगे। अभियोग पक्ष ने विशेष अदालत में 44 गवाह पेश किये व बचाव पक्ष ने दो गवाह पेश किये। मामले की पैरवी जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने की। साथ ही उप जिला न्यायवादी एकलव्य व संजय पंडित ने भी सहयोग किया।