शिमला, 25 नवंबर : हिमाचल के ट्राइबल जनपद ‘लाहौल-स्पीति’ से कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) को लेकर टीकाकरण ( Vaccination) की तस्वीरें राष्ट्रीय पटल पर भी जगह बना रही हैं। लाजमी तौर पर इसके पीछे एक खास वजह है। आप शायद यकीन न करें, लेकिन हकीकत है कि इस जिला में माइनस 4 डिग्री सैल्सियस न्यूनतम तापमान में भी स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा टॉर्च व मोबाइल फोन की रोशनी में कोविड का दूसरा टीका लगाया जा रहा हैै।
बेशक ही खून जमा देने वाली सर्दी में स्वास्थ्य कर्मियों का हौंसला शानदार है, लेकिन टीका लगवाने वाले भी अपनी पारी का इंतजार करते हैं। टीकाकरण को लेकर कई भ्रांतियां फैली रही, लेकिन आप विश्वास कीजिए, लाहौल व स्पीति में रात के अंधेरे में जब टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम घर पर दस्तक देती है तो कड़कती ठंड में कोई भी टीका लगवाने के लिए तैयार रहता है। सर्द रातों में कई परतों की रजाई में सो रहे शख्स को बाहर निकलना आसान नहीं होता।
स्वास्थ्य कर्मचारियों की ये शानदार कोशिश उस समय खासी चर्चा में आ गई, जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Union Health Minister) ने लाहौल-स्पीति के स्वास्थ्य विभाग व कर्मचारियों की सराहना तो की ही, साथ ही टवीट् करते हुए लिखा, ‘माना कि अंधेरा घना है, लेकिन दीया जलाना कहां मना है।’
हौंसले से सराबोर स्वास्थ्य विभाग की टीम में डाॅ. गौरव राणा, महिला स्वास्थ्य कर्मी आशा, डाटा एंट्री ऑपरेटर पूनम देवी व गीता देवी शामिल हैं। ये भी जानकारी है कि ये टीम केलांग अस्पताल से सुबह साढ़े 8 बजे वैक्सीन लगाने के लिए निकल जाती है। यदि लक्ष्य पूरा न हो तो टीम टाॅर्च या फिर मोबाइल की रोशनी से रात तक भी टीका लगाने का कार्य जारी रखती है। आप ये जानकर भी चौंक जाएंगे कि ये टीम घाटी के उस दुर्गम खंजर गांव में भी पहुंच गई, जहां माइनस 13 डिग्री न्यूनतम तापमान चल रहा है।
सड़क नहीं है, पैदल ही घर-घर पहुंचकर टीकाकरण किया जा रहा है। दीगर है कि जिला में मंगलवार रात तक करीब 22 हजार लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका था।