हमीरपुर, 24 नवंबर : कोरोना काल में शिक्षा विभाग में डेपुटेशन के मामले प्रकाश में आये हैं। विभाग में कुछ प्रधानाचार्यों द्वारा अपने अधीनस्थ स्कूलों के क्लास थ्री व फोर चपरासी कर्मचारियों को अपनी आवभगत के लिए महीनों से अपने कार्यालय में प्रतिनियुक्त किया हुआ है। सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के मुखिया अधीनस्थ कुछ माध्यमिक पाठशालाओं के कर्मचारियों के भी आहरण एवं वितरण अधिकारी होते हैं।
इसी सुविधा का फायदा उठाते हुए कुछ पाठशालाओं के चपरासियों व अंशकालीन जलवाहकों को इन पाठशालाओं से महीनों से प्रतिनियुक्त कर अपने कार्यालय में बुला रखा है। जिस कारण संबंधित माध्यमिक पाठशालाओ में साफ- सफाई से लेकर दैनिक डाक का लाना-ले जाना, स्कूल खोलना व बंद करना व अन्य कार्य स्कूल के बच्चों व अध्यापकों द्वारा किये जा रहे हैं।
उधर डीडीओ मुखिया द्वारा इन कर्मचारियों को बुला कर अपने कार्यालय के बाहर दिन भर बिठाया जाता है और आवभगत करवाई जाती है। परिणामस्वरूप बच्चे सुविधा से वंचित रह रहे हैं। बोर्ड परीक्षाओं में भी इन्हें प्रतिनियुक्त कर लिया जाता है, जबकि वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में पर्याप्त आवश्यक फंड व पैसा होने के साथ साथ शिक्षा बोर्ड भी परीक्षा संचालन हेतु पर्याप्त फंड देता है।
उधर सरकार ने लंबे समय के डेपुटेशन बच्चों की सुविधाओं को देखते हुए बंद कर रखे हैं, फिर भी पहाड़ी ऊंचाई के क्षेत्रों के स्कूलों में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं तथा आहरण एवम वितरण अधिकारी की शक्तियों का दुरप्रयोग अनवरत जारी है।
विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से करेंगे शिकायत
उधर राज्य टीजीटी आर्ट्स संघ ने इस तरह के मिडल ओर हाई स्कूलों के चपरासी ओर अंशकालीन जलवाहकों का महीनों डेपुटेशन को अनुचित ठहराया है व इसकी उचित जांच हेतु विधानसभा सत्र में जांच की मांग करेंगे।
संघ के राज्य अध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव विजय हीर ने इस सम्बंध में प्रदेश के ऐसे स्कूलों के शिक्षकों से भी आग्रह किया है कि इस तरह के यदि मामले हैं तो उन्हें संघ के पास प्रेषित करें ताकि माननीय मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री जी के ध्यान में ला कर इस बाबत जांच करवाई जा सके
एसएमसी भी करेंगी विरोध
ऐसे डेपुटेशन करने और बच्चों से स्कूलों में विभिन्न तरह का काम करवाने के खिलाफ स्कूल प्रबंधन समितियां भी विरोध करेंगी। इस संबंध में शिकायतें माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री , शिक्षा सचिव व निदेशक उच्च को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की जाएंगी। राइट टू एजुकेशन फोरम की राज्य स्तरीय कोऑर्डिनेटर आत्रेय सेन ने कहा है कि स्कूलों में काम करवाने ओर चपरासियों को दूसरे स्कूलों में प्रतिनियुक्त करने पर लोगों में गहरा रोष है। पहाड़ी क्षेत्रों में महीनों अंधाधुंध प्रतिनियुक्तियां की जाती हैं और इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।