शिमला, 23 नवंबर : हिमाचल प्रदेश में इस साल सितंबर तक दोपहिया वाहनों से होने वाली कुल दुर्घटनाओं में बिना वैध लाइसेंस वालो की संख्या 43.5 फीसदी रही है। राज्य पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से सितंबर तक 384 सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहनों पर सवार 131 लोगों की मौत हो गई और 231 गंभीर रूप से घायल हो गए। 273 दिनों में 131 की मौत हुई यानि हर दो दिन में एक मौत को औसत रही।इसमें मरने वाले अधिकतर युवा थे।
इस अवधि के दौरान हुई कुल दुर्घटनाओं में से 167 मामलों (43.5 प्रतिशत) में चालकों के पास वैध लाइसेंस नहीं था। चार मामलों में राइडर्स के पास लर्निंग लाइसेंस था और दो में हादसों में लाइसेंस की वैधता खत्म हो चुकी थी।
67.4 प्रतिशत मामलों में ज्यादातर युवा 16 से 30 वर्ष की आयु के बीच शामिल थे। 131 दुर्घटनाओं में युवा 21 से 25 वर्ष के आयु वर्ग के थे। 67 हादसों में 26 से 30 साल की उम्र और 61 मामलों में 16 से 20 साल की उम्र के युवक शामिल थे। कांगड़ा और ऊना में सबसे अधिक हताहत हुए। इन ज़िलों में 24 -24 की मौत हुई। इसके बाद बद्दी और सिरमौर (17 प्रत्येक), मंडी (11) और कुल्लू (10) हैं। सबसे ज्यादा 82 दुर्घटनाएं कांगड़ा में हुईं, उसके बाद सिरमौर (57) और ऊना (51) का स्थान रहा।
आंकड़े बताते है कि 220 दुर्घटनाओं (57.3 प्रतिशत) में, सवारों ने हेलमेट नहीं पहना था, जबकि 36 मामलों में, वे शराब के प्रभाव में थे। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्गों पर 164, लिंक सड़कों पर 96, राज्य राजमार्गों पर 90, प्रमुख जिला और शहर की सड़कों पर 20 और गांव की सड़कों पर नौ दुर्घटनाएं हुईं। शाम 6 बजे से 12 बजे के दौरान 155 और सुबह 9 से 3 बजे के बीच 112 दुर्घटनाएं हुईं।
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने पर नियंत्रण के लिए एल्कोमीटर का इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि दोपहिया वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या काफी अधिक है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बिना हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने के चालान जारी करने की साप्ताहिक आधार पर समीक्षा की जा रही है।