सुंदरनगर, 21 नवंबर : “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती “। यह चंद लाइनें हम अक्सर सुनते रहते है। लेकिन जो इस रास्ते पर चलता है सफलता उसके कदम चूमती है। मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर के जतिन पंडित ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है।
जतिन पंडित ने वर्ष 2013 में अपनी जमा दो परीक्षा उत्तीर्ण करने के पहले ही बिना किसी कोचिंग से एनडीए (NDA)की परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया था। इसके उपरांत जतिन ने बतौर फ्लाइंग ऑफिसर (flying officer) ट्रेनिंग शुरू कर दी। 2015 में नेशनल डिफेंस अकैडमी खड़कवासला पुणे (महाराष्ट्र) में ट्रैनिंग में घुड़सवारी के दौरान जतिन चोटिल हो गए थे। जतिन 6-7 माह तक अस्पताल में उपचाराधीन रहे। गंभीर चोट होने के चलते ट्रैनिंग को बीच में ही छोड़ कर घर वापस आना पड़ा। लेकिन बावजूद इसके जतिन मेहनत करना नही छोड़ी।
सुंदरनगर वापस आने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और भारतीय सेना में जाने के अपने लक्ष्य को पूरा कर दिखाया। अब जतिन पंडित भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है। मात्र 26 वर्ष की आयु में जतिन पंडित ने भारतीय सेना की टेक्निकल विंग में लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार सहित जिला का नाम रोशन कर दिखाया है।
हमारी ख़बरों को Whatsapp पर सबसे पहले पाने के लिए यहाँ करें क्लिक
लेफ्टिनेंट जतिन पंडित की हाल ही में जवाहरलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज सुंदरनगर से बतौर सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हुई है। भारतीय सेना के टेक्निकल ग्रेड एंट्री परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर बेंगलुरु में एसएसबी परीक्षा को पास किया था। इसके बाद जतिन ने जनवरी 2021 को अपनी ट्रेनिंग को शुरू किया था। अब जतिन ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना की 11 मद्रास कार्पस ऑफ इंजीनियरिंग रेजीमेंट में अपनी सेवाएं देश को देने जा रहे हैं।
जतिन पंडित पासिंग आउट परेड के बाद 2 सप्ताह अपने रेजिमेंट के मुख्यालय बेंगलुरु में बिताने के उपरांत पंजाब के भटिंडा में सेवा देना शुरू करेंगे। पासिंग आउट परेड के इस गरिमा पूर्ण माहौल को और अधिक यादगार बनाने वाले इस पल में उनके पिता आयुष विभाग से सेवानिवृत्त बीएमओ डॉ. हेम प्रकाश शर्मा,सेवानिवृत्त अध्यापिका माता प्रोमिला शर्मा और भाई सहायक प्रोफेसर डॉ.आशीष शर्मा और भाभी रिचा शर्मा के साथ नन्ही भतीजी अनाया शर्मा भी मौजूद रही। वहीं जतिन पंडित की इस उपलब्धि से संपूर्ण प्रदेश सहित मंडी जिला गौरवान्वित हुआ है।