नाहन, 19 नवंबर : महाबली ‘द ग्रेट खली’ की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात हुई हैै। हालांकि, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में खली ने इसे शिष्टाचार भेंट करार दिया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में अलग-अलग तरह के क्यास भी लगाए जा रहे हैं। रोचक बात ये है कि इस मुलाकात के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का भी ऐलान किया है।
बता दें कि खली ने भी शुरूआती चरण में किसान आंदोलन को समर्थन दिया था। महाबली की कर्मभूमि पंजाब ही किसान आंदोलन में अग्रणी भूमिका में रही। हिमाचल के सिरमौर के शिलाई उपमंडल के धिराईना गांव में जन्में महाबली खली को राजनीति में आने के न्यौत पहले भी कई बार मिलते रहे हैं। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से खली मिलते रहे हैं। बेशक ही खली हिमाचल के रहने वाले हैं, लेकिन पंजाब से खली का गहरा रिश्ता रहा है। हालांकि, अब भी काम के सिलसिले में विदेश जाते हैं, लेकिन वापस जालंधर ही लौटते हैं।
खैर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खली से मुलाकात की तस्वीरें टवीटर पर शेयर की। साथ ही कहा कि रेसलर को दिल्ली सरकार के काम पसंद आए हैं। गौरतलब है कि खली ने इस मुलाकात के दौरान युवा खिलाड़ियों की दिक्कतों को लेकर भी चर्चा की।
केजरीवाल सरकार की अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक मुलाकात के दौरान खली ने न केवल आम आदमी पार्टी के कामकाज की प्रशंसा की, बल्कि भविष्य में सरकार के प्रयासों में भी मदद की इच्छा जाहिर की है। खली के साथ छोटे भाई सुरेंद्र राणा भी मौजूद थे। केजरीवाल ने टवीट में कहा कि मुलाकात एक ऐसे पहलवान से हुई, जिन्होंने भारत को पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया। उन्हें दिल्ली में बिजली, पानी, स्कूल व अस्पतालों पर किया गया काम पसंद आया। अब ये कार्य हमें पंजाब में भी करना है। हम मिलकर पंजाब को भी बदलेंगे। प्रेस रिलीज में ये भी कहा गया कि खली ने दिल्ली के विकास माॅडल की तुलना अन्य राज्यों से भी की है।
कुल मिलाकर इस मुलाकात के मायने पंजाब के विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर निकाले जा रहे हैं। दीगर है कि खली ने जालंधर में ही काॅन्टीनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट की स्थापना की थी। इसमें देश भर से रेसलिंग में रूचि रखने वाले युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है। इस अकैडमी से कई सूरमाओं को विदेश में भी कैरियर बनाने के अवसर हासिल हुए हैं।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में खली ने कहा कि शिष्टाचार की भेंट हुई है। निश्चित तौर पर अच्छे कार्य हुए हैं तो प्रशंसा भी बनती है।