नाहन, 18 नवंबर : सिरमौर के दलित शोषण मुक्ति मंच ने संविधान विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने की मांग की है। मंच के मुताबिक संविधान विरोधी गतिविधियों के कारण सामाजिक एकता के लिए खतरा पैदा हो गया है। मोर्चे के संयोजक आशीष कुमार, सह संयोजक अमिता चौहान व जनवादी महिला समिति की पूर्व राज्य उपाध्यक्ष संतोष कपूर इत्यादि ने कहा कि हिमाचल में अनुसूचित जातियों व सामान्य जातियों में भाईचारा बना हुआ है। इसे तोड़ने की साजिश हो रही है।
उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में मंच ने कहा कि 15 नवंबर 2021 को शिमला से एक या़त्रा शुरू हुई, इसमें संविधान तक को जलाने की बात कही गई। मंच ने कहा कि इस यात्रा में आरक्षण व एससी-एसटी एक्ट की शवयात्रा निकाली जा रही है। ऐसी बातों पर सरकार को दखल देना चाहिए। मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसी हरकतें जनता का ध्यान महंगाई व अन्य मुद्दों से हटाने की कोशिश है, ताकि राजपाट को कायम रखा जा सके।
पदाधिकारियों ने कहा कि मंच हमेशा सामाजिक भाईचारे व राष्ट्रीय एकता की बात करता है। समाज को जात पात के आधार पर बांटने वाली ताकतों का डटकर विरोध किया जाएगा। मंच ने कहा कि एकता, सामाजिक भाईचारे व दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य जारी रहेगा। इसके लिए किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।
इस दौरान अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष संजय पुंडीर, पूर्व एसएफआई जिला कमेटी सदस्य इंद्रजीत सिंह, युवा विकास कल्याण अध्यक्ष हरीश कन्याल व सचिव बिंदु राम इत्यादि भी मौजूद रहे।