शिमला, 14 नवम्बर : हिमाचल प्रदेश में सतारूढ़ भाजपा की उपचुनाव में करारी हार के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट जोर पकड़ रह है। भाजपा हाईकमान हार के कारणों का पोस्टमार्टम करने में जुट गया है। इसी कवायद में जयराम सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों महेंद्र सिंह और रामलाल मार्कण्डेय को दिल्ली तलब किया गया है। इससे इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आगामी दिनों में प्रदेश सरकार में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
मुख्यमंत्री ने भले ही मंत्रिमंडल में बदलाव के संकेत नहीं दिए हैं। लेकिन आलकमान ने मंडी लोकसभा सहित तीन विधानसभा सीटों पर हार को गम्भीरता से लिया है। हिमाचल जहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का होम स्टेट है, वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी यहीं से हैं। उपचुनाव में भाजपा ने अनुराग ठाकुर को स्टार प्रचारक भी बनाया था और उन्होंने 10 चुनावी रैलियों को सम्बोधित किया था। हालांकि भाजपा के चुनाव प्रचार का मुख्य जिम्मा सीएम जयराम ठाकुर पर था, जिन्होंने चारों सीटों पर लगभग 68 रैलियों को सम्बोधित किया। जयराम ठाकुर उपचुनाव में भीतरघात की तरफ भी इशारा कर चुके हैं।
भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि उपचुनाव में हार की रिपोर्ट के बाद आलकमान बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकता है। इस बदलाव में कुछ नए मंत्री बनाए जा सकते हैं तो भारी भरकम विभाग वाले कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी हो सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह देगी। भाजपा यह प्रयोग अन्य राज्यों में भी कर चुकी है। उन मंत्रियों पर गाज गिर सकती है, जो उपचुनाव में पार्टी की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए हैं।
उपचुनाव में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ही अपने गृह जिले मंडी व विधानसभा हल्के सिराज से सबसे ज्यादा लीड दिला पाए। मंडी में भाजपा उम्मीदवार को नौ विधानसभा क्षेत्रों में से सात सीटों पर कांग्रेस से लीड मिली है। मुख्यमंत्री के विधानसभा हल्के सिराज से भाजपा उम्मीदवार को सर्वाधिक 21 हजार मतो की लीड प्राप्त हुई।
दूसरी तरफ भाजपा मंत्रियों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। मंडी उपचुनाव के प्रभारी बनाए गए सबसे ताकतवर मंत्री महेंद्र सिंह दमदार भूमिका में नजर नहीं आए। मंत्री रामलाल मार्कंडेय और गोविंद ठाकुर के गृह जिलों क्रमशः लाहौल-स्पीति और कुल्लू में कांग्रेस प्रत्याशी भारी लीड ले गई। इसी तरह जुब्बल कोटखाई के प्रभारी मंत्री सुरेश भारद्वाज और सुखराम चोैधरी भाजपा उम्मीदवार की जमानत भी नहीं बचा पाए।
भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले व सांगठनिक रणनीति में माहिर राजीव बिंदल और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल धूआंधार प्रचार के बावजूद अर्की सीट पर भाजपा उम्मीदवार को जीत नहीं दिला पाए। कांगड़ा के दोनों मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर और राकेश पठानिया फतेहपुर सीट भाजपा की झोली में डालने में चूक गए।सूत्रों की मानें तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसी वरिष्ठ मंत्री को संगठन में अहम ओहदा दिया जा सकता है। कुल मिलाकर आगामी दिनों में प्रदेश मंत्रिमंडल के साथ भाजपा संगठन में अहम बदलाव होेने के आसार हैं।