शिमला, 14 नवंबर : कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा की जयराम सरकार पर अंतरराष्ट्रीय लवी मेले पर सियासत करने का आरोप लगाया है। विक्रमादित्य सिंह ने आज अपने आवास होलीलॉज में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि भाजपा उपचुनाव में मिली करारी हार को नहीं पचा पा रही है। रामपुर में भाजपा उम्मीदवार को बढ़त नहीं मिलने से भाजपा सरकार बौखला गई है औऱ इस वजह से रामपुर में इस बार अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का भव्य आयोजन नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और शिमला के उपायुक्त ने तर्क दिया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण लवी मेला आयोजित नहीं किया गया है। जबकि हाल ही में रेणुका मेला पूरी भव्यता व विधिवत तरीके से हुआ और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद इसमें शिरकत की। वहीं भाजपा की सरकार ने लवी मेले को राजनीति का शिकार बना दिया और मेले को आयोजित न करवाकर चुनावी हार का बदला लिया गया, क्योंकि मंडी उपचुनाव में रामपुर, किन्नौर, कुल्लू, करसोग हल्कों से भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि लवी ऊपरी हिमाचल का ट्रेड फेयर है, जिसमें शिमला, किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिलों के कारोबारी जुटते हैं। हिमाचल समेत देश के अन्य राज्यों से भी कारोबारी यहां आते थे। ज्यादातर कारोबारी चीजों का आदान-प्रदान कर अपने देश में बेचते हैं। इस मेले का ऐतिहासिक महत्व है। भाजपा की जयराम सरकार द्वारा इस मेले पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी भी सरकार के मुखिया व मंत्रियों को इस तरह की सियासत शोभा नहीं देती है।
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उन्होंने कहा कि सरकार ने लवी मेले को विधिवत तरीके से आयोजित न करने के पीछे कोरोना का एक्सक्यूज दिया है, लेकिन सरकार जवाब दे कि चुनाव खत्म होने से 10 दिन पहले मंत्री महेंद्र सिंह जब रामपुर के अलग अलग क्षेत्रों में रैलियां कर रहे थे, तो उस समय कोरोना क्यों नहीं फैल रहा था। अब जब भाजपा को मंडी उपचुनाव में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है, तब इस ऐतिहासिक मेले को राजनीति की भेंट चढ़ाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
वही विक्रमादित्य सिंह ने लोकसभा उप चुनाव में प्रतिभा सिंह की जारी की गई ऑडियो की कांग्रेस अध्यक्ष से जांच की मांग की ओर कहा कि ये ऑडियो चार साल पहले की है इस समय ये ऑडियो जारी की गई है। ये ऑडियो किस मंशा से जारी की गई है इसकी कांग्रेस जांच करे।
उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि वो सरकार के अंधभक्त होकर काम करना बंद करें। अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन न करने वाले अधिकारियों पर कांग्रेस की सरकार बनने की सूरत में प्रशासनिक जांच बिठाई जाएगी।
इसके अलावा विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर सवर्ण आयोग के गठन की बात की ओर कहा कि वे किसी समाज या वर्ग के खिलाफ नही है । प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ही अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया था और यदि अब सवर्ण समाज आयोग की गठन की मांग कर रहा है तो सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और यदि ये सरकार आयोग का गठन नहीं करती है तो कांग्रेस के सत्ता में आते ही सवर्ण आयोग का गठन करेगी।