श्री रेणुका जी, 13 नवंबर : मां रेणुका जी व बेटे परशुराम के आलौकिक मिलन के साथ अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेला शनिवार को शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 7 दिन तक चलने वाले इस मेले में देव पालकियों का अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने जामूकोटी से पहुंची भगवान परशुराम की देव पालकी को कंधा भी दिया। इसके बाद भव्य शोभायात्रा में देव पालकियां श्री रेणुका जी के लिए रवाना हो गई। प्राचीन परंपरा के मुताबिक त्रिवेणी घाट पर देवताओं का मिलन होता है। इसके पश्चात देव पालकियों को लोगों के दशनार्थ मंदिर में स्थापित किया जाता है। बता दें कि गत वर्ष मेले को सूक्ष्म रूप से आयोजित किया गया था। हालांकि, इस बार भी सांस्कृतिक संध्याएं नहीं होंगी, लेकिन मेले का भव्य रूप बरकरार रहेगा।
कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक मनाए जाने वाले इस उत्सव में हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ददाहू स्कूल के परिसर में राज परिवार द्वारा पुरानी परंपरा को भी निभाया जा रहा है। जामूकोटी से गिरि नदी पार करने के बाद भगवान परशुराम की पालकी स्कूल परिसर तक पहुंचती है। बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 2019 में मेले का शुभारंभ करने का मौका नहीं मिला था। उस समय मुख्यमंत्री इंवेस्टर मीट के चलते नहीं पहुंच पाए थे। दो साल के बाद मुख्यमंत्री इस मेले का शुभारंभ कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने जामूकोटी से पहुंची भगवान परशुराम की देव पालकी को दिया कंधा Watch Video
गौरतलब है कि 2020 में सूक्ष्म मेले का शुभारंभ उपायुक्त द्वारा ही किया गया था। मुख्यमंत्री मेले के शुभारंभ के बाद रात्रि ठहराव भी श्री रेणुका जी में ही कर रहे हैं। ऐसी धारणा भी चली आ रही है कि जो मुख्यमंत्री मेले के शुभारंभ के बाद रात्रि ठहराव नहीं करता है, वो दोबारा सीएम नहीं बनता है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शनिवार सुबह नौहराधार पहुंचे। सीएम ने नौहराधार में जनसभा को भी संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 162 करोड़ की लागत से विभिन्न विकास कार्यों के शिलान्यास व उदघाटन किए।
इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप व अन्य भाजपा नेता भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि बिरला में लैंड करने के बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से ददाहू तक पहुंचे थे। रविवार को मुख्यमंत्री द्वारा नाहन विधानसभा क्षेत्र के सतीवाला में जनसभा को संबोधित किया जाना है।
चूंकि 2022 में श्री रेणुका जी मेले के दौरान विधानसभा के चुनाव की आचार संहिता लग चुकी होगी। लिहाजा, घोषणाएं करने के लिए मुख्यमंत्री के पास ये आखिरी मौका ही था। एक मर्तबा प्रो. प्रेम कुमार धूमल चुनाव आचार संहिता में विशेष अनुमति लेकर मेले में पहुंचे थे, लेकिन वो घोषणाएं नहीं कर पाए थे।