पांवटा साहिब, 11 नवंबर : गुरु की नगरी को साईं अस्पताल के प्रयास से पहली बार योग्य रेडियोलाॅजिस्ट (Qualified Radiologist) उपलब्ध हुआ है। दरअसल साईं अस्पताल में एसएमएस मेडिकल काॅलेज जयपुर से रेडियो डायग्नोसिस में एमडी की शिक्षा हासिल करने वाले डाॅ. सुभाजीत दत्ता ने ज्वाइनिंग दी है।
हालांकि, शहर में पहले भी अल्ट्रा साउंड किए जा रहे थे, लेकिन क्वालीफाइड विशेषज्ञ उपलब्ध न होने की वजह से शहरवासियों को देहरादून या फिर चंडीगढ़ इत्यादि शहरों का रुख करना पड़ता था। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अलग-अलग उपचार में अल्ट्रासाउंड की एक अहम भूूमिका होती है। ऐसे में मामूली सी गलती भी उपचार का अर्थ बदल देती है। गौरतलब है कि शहर में सही तरीके की अल्ट्रासाउंड सुविधा न होने के कारण खासकर गर्भवती महिलाओं को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता था। मगर अब साईं अस्पताल ने इस समस्या का निस्तारण करने का भी प्रयास किया है।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में डाॅ. सुभाजीत दत्ता ने कहा कि अल्ट्रासाउंड के आधार पर डायग्नोसिस सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होती है। अगर मरीज का अल्ट्रासाउंड के बाद डायग्नोज सही हुआ है तो वो कहीं भी जाकर सही ट्रीटमेंट हासिल कर सकता है। एक उदाहरण का जिक्र करते हुए डाॅ. दत्ता ने कहा कि कई बार अल्ट्रासाउंड में मरीज को स्टोन की शिकायत बता दी जाती है, लेकिन वास्तव में स्टोन होता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कलर डाॅपलर के अलावा फैटल लैवल-2 की सुविधा भी शुरू कर दी गई है।
बता दें कि साईं अस्पताल ने डाॅ. दत्ता की नियुक्ति से पहले अल्ट्रासाउंड के एडवांस उपकरण जुटा लिए थे। उधर, अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि 15 नवंबर तक मरीजों को अल्ट्रासाउंड स्कैन में विशेष रियासत दी जा रही है। प्रवक्ता के मुताबिक गर्भ में बच्चे के विकारों के लिए अल्ट्रासाउंड का लैवल-2 स्कैन चिकित्सा विज्ञान में काफी अहम है।