शिमला, 10 नवम्बर : देश भर के पीठासीन अधिकारियों का राष्ट्रीय सम्मेलन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के विधानसभा परिसर में 16 से 19 नवम्बर तक आयोजित किया जाएगा।
इस चार दिवसीय सम्मेलन में देशभर की विधानसभाओं, विधान परिषदों के करीब 288 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं व विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारी आएंगेे। विधानसभा के तीन लोगों के साथ-साथ सरकार का एक वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मेलन में भाग लेगा। लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव, संसद टीवी के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। राज्यसभा के उपसभापति भी सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रदेश विधानसभा के सदस्यों, लोकसभा व राज्य सभा सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी सम्मेलन में शिरकत करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे।
सम्मेलन के दौरान लोकतंत्र प्रणाली की मजबूती और विधायी कार्यां पर चर्चा होगी। पीठासीन अधिकारियों की पहला सम्मेलन भी 100 वर्ष पहले 14 से 16 सितम्बर 1921 में शिमला में आयोजित किया गया था।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बुधवार को विधानसभा परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य पर भी हिमाचल विधानसभा में पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा। इससे पहले पीठासीन अधिकारियों के छह सम्मेलन शिमला में आयोजित किए जा चुके हैं।
लोकसभा तथा विधानसभा के संयुक्त तत्त्वावधान में यह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन की अध्यक्षता 17 नवम्बर को लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला करेंगे। इसी दिन सुबह 10ः30 बजे प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी इस समारोह में मौजूद प्रतिभागियों को वर्चुअली संबोधित करेंगे। विधानपरिषदों व विधानसभा सभाओं के सचिवों का सम्मेलन 16 नवम्बर को होगा।
उन्होंने कहा कि विपिन परमार ने कहा कि विधानसभा व लोकसभा सचिवालय के संयुक्त तत्वाधान में इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। अतिथियों का आना 15 नवम्बर से शुरू हो जाएगा। सभी अतिथियों के लिए ठहरने की तथा परिवहन की पूर्ण व्यवस्था की गई है। सभी अतिथियों को शिमला के उच्च श्रेणियों के हौटलों में ठहराया जाएगा। बाहरी राज्यों से आने वाले अतिथियों को शिमला के नैसर्गिक तथा रमणीय स्थलों का भ्रमण भी करवाया जाएगा।