शिमला, 10 नवम्बर : 27 नवंबर को होने वाली संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक पर राजकीय अध्यापक संघ ने सवाल उठाए है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि प्रदेश में अढ़ाई लाख कर्मचारी है। इसमें 90 हजार शिक्षक है। जेसीसी की बैठक में 90 हजार शिक्षक शामिल नहीं होंगे। सबसे बड़ा वर्ग ही जब जेसीसी की बैठक में नहीं होगा तो फिर इसका क्या औचित्य।
राजकीय अध्यापक संघ ने अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, मुख्य संरक्षक अरुण गुलेरिया, सह सचिव सतनाम खांगटा, सलाहकार इंद्र सिंह, मुख्यालय सचिव ताराचंद शर्मा, जिला प्रधान मंडी तिलक नायक, जिला प्रधान हमीरपुर राजेश गौतम, नवीन मेहता, डॉ. सुरेंद्र शर्मा ने बुधवार को संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक वर्ग सबसे बड़ा वर्ग है। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से शिक्षकों की मांगों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सचिव शिक्षा और निदेशक शिक्षा शिक्षकों की मांगों को लेकर सही तथ्य सरकार के समक्ष नहीं रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेबीटी से लेकर प्रधानाचार्य पद पर पद्दोन्नतियों की फाइलें जबरन लटका कर रखी जा रही है। शिक्षक बिना पद्दोन्नति के सेवानिवृत हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ चाटूकार शिक्षक नेता भी इसमें निदेशालय का साथ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में शिक्षकों को आंदोलन पर उतरना पड़ेगा।
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की मांगों को सुलझाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। लेकिन यह कमेटी महज नाम की है। अभी तक इसकी बैठक ही नहीं हुई है। फिर ऐसी कमेटी गठित करने का क्या फायदा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने चार साल के कार्यकाल में शिक्षकों को एक भी लाभ नहीं दिया। संघ ने आरोप लगाया कि सरकार पर शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए सरकार अलग से जेसीसी की बैठक बुलाए।
मांग उठाने पर दिया शो कॉज नोटिस
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षक और छात्रों की मांगों को उठाया तो निदेशक उच्चतर शिक्षा ने उन्हें शो कॉज नोटिस दे दिया। उनके खिलाफ कई तरह की जांच शुरू की गई। उन्होंने कहा कि यह विभाग की तानाशाही को दर्शाता है। दो दो झूठी चार्जशीट बनाई और 10 शो कॉज नोटिस दिए जा चुके है।
छठा वेतन आयोग 1-1-2016 से देय है को 5 वर्ष की अवधि बीत जाने पर भी सरकार द्वारा अभी तक इस संदर्भ में कोई कदम नहीं उठाया गया है। संघ ने सरकार से प्रदेश के कर्मचारियों एवं शिक्षकों के भत्ते का भुगतान केंद्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर देने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र जो वायदे किए हैं उन्हें भी पूरा करने की मांग उठाई है।