शिमला, 10 नवंबर: क्या, हिमाचल के अस्पताल में भी अमानवीयता की इंतहा हो सकती है। शायद, खूबसूरत वादियों से हर किसी को अपनी तरह मोह लेने वाले पहाड़ी प्रदेश में इस सवाल का जवाब न में आ सकता है। इसके विपरीत धर्मशाला अस्पताल से दिल पसीज देने वाला वाकया सामने आया है।
हैरान कर देने वाली बात सामने आई है कि एक महिला 14 साल के बेटे की लाश को स्ट्रेचर पर लेकर गिड़गिड़ाती रही कि कोई बेटे की लाश घर ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम कर दो। मगर मजाल थी कि मौके पर मौजूद किसी शख्स का दिल पसीजा हो। वो, एक कमरे से दूसरे कमरे तक भटकती रही। सूचना मिलने के बाद समाजसेवी संजय शर्मा पहुंचे तो इंतजाम हो पाया। इसके बाद शर्मा ने जो सोशल मीडिया में पोस्ट किया, वो वाकई में मानवता के नाम पर कलंक ही है।
सोशल मीडिया में वायरल हो रही महिला की दास्तां के मुताबिक धर्मशाला अस्पताल में मंगलवार दोपहर 2 बजे से वो बच्चे की लाश स्ट्रेचर पर ढोती रही। रात 8 बजे तक भी कोई वाहन उपलब्ध नहीं हुआ। निश्चित तौर पर अगर आप वहां मौजूद होते तो आपकी आंखों से बरबस ही आंसू बह उठते। रात को जब गाड़ी का इंतजाम हुआ तो महिला ने पिछली सीट पर अपने बेटे की लाश को गोद में रख लिया। महिला उस समय भी डयूटी पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को रोते हुए दुआ ही देकर गई।
शायद, ये बच्चा एक गरीब का था, जिसका रसूख न तो किसी बड़े अधिकारी तक था न ही किसी राजनीतिज्ञ तक। उम्मीद की जानी चाहिए कि भविष्य में हिमाचल जैसे राज्य में ऐसा मंजर दोबारा नजर न आए।
उधर, कांगड़ा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. गुरदर्शन गुप्ता का कहना था कि विभाग द्वारा शव वाहन का इंतजाम नहीं किया जाता। बाद में व्यवस्था हो गई थी। वैसे इस मामले में अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक अधिक जानकारी दे सकते हैं।