कुल्लू, 6 नवंबर : यकीन करना कठिन हो सकता है, मगर ये हकीकत है कि एक गरीब विधवा महिला चट्टान के नीचे एक गुफा में जीवन यापन कर रही है। हर कोई वाकिफ है, चट्टान की ओट में अंधेरा ही पसरा रहता है। मगर इस बार दीपावली इस महिला के लिए यादगार बन गई, क्योंकि जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार ने न केवल अपने घर से सोलर लाइट को उखाड़ा, बल्कि दीवाली की रात से पहले गुफा को रोशनी की छटा से भी बिखेर दिया। परमार ने दिवाली के मौके पर गरीब महिला को रोशनी की सौगात देने का संकल्प लिया था।
60 साल की बिंदरू देवी की दो बेटियों की शादी हो चुकी है। यकीन मानिए कि इसी गुफा से बिंदरू देवी ने अपनी बेटियों की शादी भी की है। जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार की मानवता की मिसाल को ये जानकर भी सैल्यूट करेंगे कि जहां हर कोई अपने घरों को रंगोली, लाइटों से जगमगाने में जुटा हुआ था, वहीं पंकज परमार ने पहले सोलर लाइट को कंधों पर उठाकर गुफा तक पहुंचाया। इसके बाद वहां से तब तक टस से मस नहीं हुए, जब तक बिंदरू देवी का आंगन रोशनी से सराबोर नहीं हो गया।
मामला, कुल्लू के आनी खंड की पलेही पंचायत के तांदी कुटल गांव का है। चट्टान के नीचे कमरा बनाकर बिंदरू देवी 35 साल से रह रही है। महिला मंडल तांदी कुटल की प्रधान संगीता का कहना है कि लगभग 55 साल पहले छोटी उम्र में गढ़वाल से एक व्यक्ति इलाके में काम करने आया था, जिसने बिंदरू देवी से 43 साल पहले शादी की थी। इसके कुछ सालों बाद परिवार ने चट्टान के नीचे गुफा में रहना शुरू कर दिया था। बेटियों का जन्म भी गुफा में हुआ। पांच साल पहले बिंदरू देवी के पति का निधन हुआ। हालांकि, शादीशुदा बेटियां अपनी मां का खर्च वहन करने का प्रयास करती हैं। महिला के दो भाई व एक बहन भी आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं।
ऐसा भी नहीं है कि बिंदरू देवी को सरकारी पेंशन नहीं मिल रही, लेकिन ये सवाल बार-बार उठता है कि क्या भूमिहीन योजना के तहत बिंदरू देवी को भूमि उपलब्ध करवाने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उसे दो कमरों का घर नहीं दिया जा सकता। खैर, जिला परिषद के अध्यक्ष पंकज परमार इस महिला के लिए फरिश्ते से कम नहीं है। परमार ने महिला को सुरक्षित आशियाना उपलब्ध करवाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। स्थानीय विधायक किशोरी लाल व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को भी महिला की स्थिति के बारे अवगत करवाया गया है।
उल्लेखनीय है कि कुछ अरसा पहले जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार को पलेही गांव में मुख्य अतिथि बनने का अवसर मिला था। तब ये मामला उनके संज्ञान में लाया गया था। आचार संहिता लागू होने के कारण सोलर लाइट स्वीकृत नहीं करवा पाए थे तो अपने घर की ही लाइट उखाड़ कर बिंदरू देवी का घर रोशन कर दिया। पंचायत प्रधान यशपाल भारती का कहना है कि पिछले कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ महिला को देने का प्रयास किया था, मगर 2016 में पंचायत का रिकाॅर्ड आग में जलकर खत्म हो गया। इस कारण दस्तावेज नहीं मिले।
उधर, जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार का कहना है कि उनकी प्राथमिकता बिंदरू देवी को 2 बिस्वा भूमि दिलाने के बाद घर का निर्माण करना है, ताकि गरीब महिला सुरक्षित जीवन यापन कर सके। विधायक किशोरी लाल सागर ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में ही नहीं था। अगर किसी ने जिक्र किया होता तो नियमानुसार विधवा महिला की मदद की गई होती।