शिमला, 06 नवंबर : राजधानी शिमला में करूणामूलक संघ की ओर से की जा रही क्रमिक भूख हड़ताल के शनिवार को सौवें दिन भी जारी रही। संघ द्वारा करूणामूलक नौकरियों सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है। संघ ने प्रदेश सरकार पर उनकी मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाया है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि उपचुनाव संपन्न होने के बाद भी सरकार करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरियों देने के मामले में सकारात्मक फैसला नहीं ले पाई है। जबकि सरकार के विभिन्न विभागों में करुणामूलक नौकरियों के 4500 से ज्यादा मामले लंबित हैं। प्रभावित परिवार करीब 15 साल से 20 सालों से नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कई विभागों में कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने के बाद आश्रित परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में ऐसे सैंकड़ों मामले हैं, जहां 15 से 20 साल बीत जाने के बाद भी आश्रित परिवारों को नौकरी नहीं मिल पाई है। आश्रित हर रोज कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आश्वासनों के सिवाय आज तक कुछ हाथ नहीं लगा है।
अजय कुमार ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई कि आठ नवंबर को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में करुणामूलक आधार पर नौकरियों सहित अन्य विभिन्न मांगों पर फैसला लेकर करूणामुलक परिवारों को राहत प्रदान की जाए।