शिमला, 2 नवंबर : कोटखाई व जुब्बल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जमानत जब्त हो गई है। सत्तारूढ़ राजनीतिक दल को महज 4.67 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं। बीजेपी की नीलम सराईक को मात्र 2644 वोट ही पड़े। कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर ने 29,955 वोट प्राप्त किए। ये प्रतिशतता 52.92 प्रतिशत रही। बीजेपी से बगावत कर सेब का चुनाव चिन्ह लेकर मैदान में उतरे चेतन सिंह बरागटा को 23,662 वोट प्राप्त हुए। ये प्रतिशतता 41.8 रही। यानि कांग्रेस प्रत्याशी ने 11 फीसदी मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया है।
रोचक बात यह है कि बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी व बगावती उम्मीदवार के मतों का आंकड़ा भी अगर जोड़ लिया जाए तो भी रोहित ठाकुर ही आगे रहे। अहम बात ये है कि कांग्रेस ने इस सीट को बीजेपी से छीन लिया है। दो मर्तबा सूबे के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत राम लाल ठाकुर के पोते रोहित ठाकुर ने सम्मानजनक जीत हासिल की है। निर्दलीय उम्मीदवार सुमन कदम को 170 वोट पड़े, जबकि नोटा के बटन पर 176 मतदाताओं ने मत का इस्तेमाल किया।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि पोस्टल बैलेट में भी कांग्रेस प्रत्याशी को ही सबसे अधिक 508 वोट प्राप्त हुए। जबकि चेतन सिंह बरागटा को 318 वोट हासिल हुए थे। भाजपा उम्मीदवार को 60 मत ही पोस्टल से प्राप्त हुए। चार मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल नोटा के लिए किया। दरअसल इस हलके में भाजपा अपनी दोहरी नीति के कारण ही शर्मनाक हार का सामना कर रही है। पहले दिवंगत नेता नरेंद्र बरागटा के बेटे को चुनाव के ऐलान से पहले ही प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतार दिया गया। ऐन मौके पर टिकट काटकर नीलम सराईक को प्रत्याशी बना दिया गया। चेतन बरागटा भी पूरे चुनाव प्रचार में भगवा रंग में रंगे नजर आए। इससे मतदाताओं में ये संदेश गया कि अपरोक्ष तौर पर बरागटा ही बीजेपी के प्रत्याशी हैं।
ऐसा भी माना जा रहा है कि अगर पार्टी बरागटा को अधिकृत उम्मीदवार बनाती तो परिवारवाद को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता। ऐसे में बीजेपी ने नीलम सराईक को टिकट दे तो दिया, लेकिन अंदरूनी स्पोर्ट चेतन के साथ ही नजर आई। कुल मिलाकर बेशक ही नीलम सराईक हारी है, लेकिन इससे भाजपा की छवि को बड़ा धक्का लगा है।
बता दें कि इस निर्वाचन क्षेत्र में 55,749 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। इस खबर में 55717 वोटों के आंकड़े शामिल किए गए हैं, यानि 32 वोटों की स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।