रिकांगपिओ, 30 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनाव हो या फिर लोकसभा व विधानसभा के चुनाव, हर समय आजाद देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी अपना मतदान करना नहीं भूलते। इस बार 30 अक्टूबर को मंडी लोकसभा उप चुनाव में भी 104 बसंत देख चुके देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी ने एक बार फिर मतदान में भाग लिया। इस दौरान उन के सम्मान में किन्नौर प्रशासन द्वारा रेड कारपेट बिछाने के साथ वाद्य यंत्रों से स्वागत किया।
आप को बता दे कि किन्नौर जिले में कल्पा गांव में साल 1917 में श्याम सरण नेगी का जन्म हुआ था। 104 साल के श्याम सरण नेगी यहीं पर अपने पुश्तैनी घर में रहते हैं। 10 साल की उम्र में स्कूल गए नेगी की पांचवीं तक की पढ़ाई कल्पा में हुई। इसके बाद पढ़ाई के लिए रामपुर गए। रामपुर जाने के लिए उन्हें अपने घर कल्पा से पैदल तीन दिन लगते थे। आगे की पढ़ाई रामपुर में ही की। मास्टर श्याम सरण नेगी ने शुरू में 1940 से 1946 तक वन विभाग में वन गार्ड की नौकरी की।
उसके बाद शिक्षा विभाग में बतौर अध्यापक की नौकरी करते हुए मूरंग सहित कल्पा आदि स्कूलों में अपनी सेवाएं दी। आजादी के बाद देश में 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात को देखते हुए किन्नौर में देश के आम चुनाव से 6 महीने पहले अक्तूबर 1951 में ही मतदान करवाया गया। उस समय श्याम सरण नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे।
चुनाव करवाने में उनकी ड्यूटी शोंगटोंग में लगी थी, लेकिन उन्हें वोट देने का अधिकार कल्पा पोलिंग स्टेशन पर था। शोंगटोंग में अपनी ड्यूटी पहुंचने की जल्दबाजी में उन्होंने कल्पा पोलिंग स्टेशन पर सबसे पहले अपना मतदान कर चले गए। उस समय उन्हें नही मालूम था कि उस समय मैं आजाद देश का पहला मतदाता बनने जा रहा हूँ।
मास्टर श्याम सरण नेगी आज भी वोट डालना पुण्य का काम समझते हैं और उन्होंने 1951 के बाद हुए हर छोटे-बड़े सभी चुनाव में 33 बार मतदान कर चुके है। । वह भारत निर्वाचन आयोग के ब्रांड एंबेसडर भी रह चुके हैं।