शिमला, 28 अक्टूबर : राजधानी शिमला शहर में हल्की सी आग की चिंगारी कहर बरपा सकती है। दमकल विभाग की ओर से दिवाली से पहले किए गए सर्वे में पता चला है कि शहर में 240 में से 97 फायर हाइड्रेंट खराब है।
जानकारी के अनुसार शिमला शहर में केवल 143 ही फायर हाइड्रेंट ठीक पाए गए है। दमकल विभाग की टीम को सर्वे के दौरान कई फायर हाइड्रेंट मिले ही नहीं। यह हाइड्रेंट रास्ते डंगों के निर्माण के दौरान दबा दिए गए हैं। कुछेक हाइड्रेंट खराब हो गए हैं, जिसमें दमकल विभाग की गाडिय़ों की पाइपें ही फिट नहीं बैठ पाती। ऐसे में अगर शहर में आगजनी की कोई घटना हो जाए तो फायर टैंडर में पानी भरने के लिए गाडिय़ों को मॉलरोड़ लाना पड़ेगा।
चूंकि शिमला शहर के भीड़भाड़ व तंग स्थान जैसे लोअर बाजार गंज बाजार और रामबाजार के आसपास लगे फायर हाइड्रेंट खराब पाए गए हैं। हांलाकि दमकल विभाग ने इसको लेकर नगर निगम के आयुक्त को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि दिवाली से पहले इन फायर हाइड्रेंट को ठीक करवाया जाए। विभाग ने नगर निगम को खराब हाइड्रेंट की लोकेशन भी बताई है।
साथ ही यह भी बताया गया है कि यहां से रिज तक गाडिय़ों में पानी भरने के लिए आने व जाने में कितना अतिरिक्त समय लगेगा। इससे बड़ा हादसा हो सकता है। दमकल विभाग ने कहा है कि जहां पर फायर हाइड्रेंट दब गए हैं उन्हें ढूंढकर निकाला जाए या फिर उसके स्थान पर नई जगह चिन्हित की जाए ताकि वहां पर फायर हाइड्रेंट बनाया जा सके।
त्योहारी सीजन में अग्निकांड की घटना की आशंका रहती है। इसलिए दमकल विभाग ने पहले से ही उनका सर्वे करवाना शुरू कर दिया था। लेकिन दमकल विभाग के आग्रह को हर बार नगर निगम शिमला की तरफ से अनसुना ही किया जाता है।
इस बीच शिमला शहर के मॉलरोड़ स्थित फायर स्टेशन में कर्मचारियों की छुट्टियां दिवाली तक रद्द कर दी गई है। शिफ्ट में कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है। 14 कर्मचारी हर समय फायर स्टेशन में मौजूद रहेंगे। दिवाली पर आगजनी की घटना के चलते यह संख्या बढ़ाई गई है। उधर इस मामले में स्टेशन फायर ऑफिसर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि नगर निगम को पत्र लिखकर खराब हाइड्रेंट को ठीक करवाने के लिए कहा गया है